देश में लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ने के साथ यह पहली बार होगा जब पैसेंजर ट्रेनें ( passenger train) 43 दिन तक पटरी पर खड़ी रहेंगी। 22 मार्च से ही ट्रेन संचालन बंद है। रेलवेज ( railways)ने एक बयान में कहा कि प्रीमियम ट्रेनें, मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें, पैसेंजर ट्रेनें, उपनगरीय ट्रेनें, कोलकाता मेट्रो और कोंकण रेलवे की सभी ट्रेनें 3 मई को रात 12 बजे तक बंद रहेंगी।
रेलवे ने कहा है कि आरक्षित या गैर-आरक्षित यात्रा करने के लिए सभी रेलवे स्टेशनों पर या स्टेशनों के बाहर टिकटों की बुकिंग ( bookings ) भी तीन मई की आधी रात तक बंद रहेगी।

क्या रिफंड मिलेगा ?

अगर किसी ने तीन मई तक की यात्रा के लिए टिकट बुक करा रखा है तो रेलवे बोर्ड ने कहा है कि इसका फुल रिफंड (full refund ) लोगों को दिया जाएगा। लॉकडाउन के दौरान कैंसल ट्रेनों के टिकटों पर 21 जून तक फुल रिफंड क्लेम कर सकेंगे।

क्या आगे की यात्रा के लिए बुकिंग शुरू होगी, इस पर रेलवे बोर्ड ( railway board)का कहना है कि अगले नोटिस तक एडवांस रिजर्वेशन नहीं होंगे। वैसे सरकार कुछ चुनिंदा रूटाें (route s )पर ट्रेनें शुरू कर सकती है। माना जा रहा है कि 30 अप्रैल के बाद भी एकदम से पूरी कैपेसिटी के साथ ट्रेनें शुरू करना मुमकिन नहीं होगा। इसलिए धीरे-धीरे इन्हें शुरू करने की तैयारी है। असल में सामाजिक दूरी को मेंटेन करना रेल यात्रा से संभव नही है। यही कारण है कि इतना कड़ा फैसला लेना पड़ा।

क्या तैयारी कर रहा था रेलवे

लॉक डाउन खुलने की प्रत्याशा में रेलवे ने स्टेशन पर ट्रेनों का आना चार घंटे पहले पहुंचना जरूरी बबय था। ट्रेनाें में जनरल बाेगी नहीं रहना था। एसी डिब्बे नही रखने की सोची थी। सिर्फ रिजर्वेशन होने पर ही यात्रा की छूट थी।

साेशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए आधी सीटों पर ही रिजर्वेशन देने का प्लान था। काेराेना संक्रमण के हाॅट स्पाॅट पर ट्रेनें नहीं रुकने की योजना थी।

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