जमीअत उलेमा ई हिंद और सैयद महमूद मदनी ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका

याचिका में मुसलमानों के खिलाफ नफरत भरे भाषणों के उदाहरण दिए गए हैं, जिसमें समुदाय के खिलाफ हिंसा का आह्वान और पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी शामिल है।

याचिका में 2018 से हो रहे ऐसे मामलों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

इसने घृणा अपराध के विभिन्न उदाहरणों का हवाला दिया

जिसमें धर्म संसद में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा का आह्वान, गुरुग्राम में जुमे की नमाज के खिलाफ विरोध, तिरुपुर की रैलियों में अपमानजनक नारे लगाना शामिल है

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