विशेष संवाददाता

भारत की खुफिया एजेंसी रॉ के पूर्व प्रमुख ए.एस. दुलत का दावा है कि, नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने उनसे मुलाकात के दौरान भारत के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई थी और कहा था कि वह या उनके बच्चे देश के खिलाफ कतई नहीं हैं, जिसके बाद उन्हें रिहा करने का फैसला किया गया।

‘मिशन फारूक’ पर गये थे पूर्व रॉ चीफ!

गौरतलब है कि, ए.एस. दुलत को कश्मीर का विशेषज्ञ माना जाता है। उनकी मानें तो उनका हाल का कश्मीर दौरा सामान्य नहीं, बल्कि मिशन फारूक था। इसमें वह फारूक अब्दुल्ला से मिले, जिसकी जानकारी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और प्रधानमंत्री कार्यालय को थी। दुलत के मुताबिक, रिहाई का फैसला फारूक से उनकी मुलाकात के बाद लिया गया है। दुलत की मानें तो फारूक ने मुलाकात में साफ कहा था कि, वह और उनके बच्चे (उमर) देश के खिलाफ बिल्कुल नहीं हैं।

फारूक ने कहा, हम भारत के लिए प्रतिबद्ध: दुलत

दुलत ने यह बात एक भेंटवार्ता में कही है। दुलत ने बताया कि वह श्रीनगर में फारूक से मिले थे। उन्होंने देखा कि पूर्व मुख्यमंत्री बहुत थके हुए से थे और उनकी तबीयत भी ठीक नहीं थी। फारूक ने जोर देकर दुलत से यहा कि वह भारत के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं और उन्होंने अपने बच्चों को भी इसी तरह से पाला है।

लौटने के एक महीने बाद फारूक रिहा

दुलत बताते हैं कि, उक्त गोपनीय मिशन से लौटने के करीब एक महीने बाद ही फारूक को नजरबंदी से रिहा कर दिया गया। दुलत ने कहा कि उन्होंने पिछले साल नवंबर में फारूक से मिलने की इच्छा जताई थी, लेकिन तब गृह मंत्रालय ने कोई जवाब नहीं दिया था। फिर 9 फरवरी को गृह मंत्रालय से उनके पास फोन आया कि, अगर मैं कश्मीर जाना चाहता हूं तो जा सकता हूं। दुलत के मुताबिक, उनकी कश्मीर यात्रा वैसे तो निजी थी, लेकिन आईबी ने ही उन्हें एयरपोर्ट से लिया और फारूक के घर छोड़ा। फिर कश्मीर से वापस आने के तुरंत बाद उनके पास मंत्रालय से फोन आ गया था, पूछा गया था कि यात्रा कैसी थी।

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