अनिता चौधरी

राजनीतिक संपादक

नई दिल्ली । हाईकोर्ट ने बुधवार को निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड मामले के दोषी मुकेश की याचिका खारिज करते हुए सख्त टिप्पणी की। कहा कि यह मामले को लटकाने का प्रयास है। कोर्ट ने आदेश मे कहा कि दोषी मुकेश पटियाला की निचली अदालत मे अर्जी दाखिल करे।

मुकेश ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर निचली अदालत के डेथ वारंट को खारिज करने की मांग की थी। इस मामले की सुनवाई के दौरान बुधवार को दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट को बताया, चूंकि 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड के दोषियों में से एक ने दया याचिका दायर की है, इसलिए मौत की सजा प्राप्त दोषियों की फांसी 22 जनवरी को नहीं होगी।

निर्भया की माँ आशा देवी ने आज हुए घटनाक्रम पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि अपराध तो दरिन्दों ने किया पर ढाई बरस से सजा हम भुगत रहे हैं । इस कोर्ट से उस कोर्ट जाना पडता हैं । पता नही इन चारों को कब फांसी दी जाएगी। निर्भया के वकील जे झा ने भी निराश होते हुए कहा कि लगता है सजा मे महीनों लग जाएंग।

हाईकोर्ट ने इस मामले में दोषी मुकेश को निचली अदालत में जाकर यह बताने को कहा है कि उसकी दया याचिका राष्ट्रपति के पास अभी लंबित है। कोर्ट में मुकेश के वकील ने कहा कि वह डेथ वारंट के खिलाफ अब निचली अदालत में जाएंगे। कोर्ट ने इसके बाद याचिका को वापस मानते हुए खारिज कर दिया। 

चारों दोषियों विनय शर्मा (26), मुकेश सिंह (32), अक्षय कुमार सिंह (31) और पवन गुप्ता (25) को 22 जनवरी को तिहाड़ जेल में सुबह सात बजे फांसी देना है। दिल्ली की एक अदालत ने उनकी मौत की सजा के फैसले पर अमल के लिए सात जनवरी को वारंट जारी किया था। मौत की सजा के फैसले पर अमल के लिए जारी वारंट को चुनौती देने वाली दोषी मुकेश की याचिका पर दिल्ली सरकार और केंद्र ने न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल को बताया कि यह समय से पूर्व दायर की गई याचिका है।

मुकेश के वकील जॉन ने कहा कि दया याचिका खारिज होने के बाद भी उसे 14 दिन का समय दीजिए।

एडवोकेट जॉन की दलीलों के बाद जस्टिस मनमोहन ने कहा आपकी आपराधिक याचिका 2017 में खारिज कर दी गई थी। तब आपने क्यों नहीं क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका डाली? आप ढाई साल से क्या कर रहे थे? कानून आपको सिर्फ एक उचित समय दे सकता है याचिकाएं डालने के लिए।

दिल्ली सरकार और जेल अधिकारियों ने अदालत को सूचित किया कि नियमों के मुताबिक उन्हें फांसी की सजा देने से पहले दया याचिका पर फैसला आने तक इंतजार करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा दया याचिका पर जब तक फैसला नहीं आ जाता तब तक 22 जनवरी को उन्हें फांसी नहीं दी जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मुकेश और विनय की सुधारात्मक याचिकाओं को खारिज कर दिया था।

दिल्ली सरकार की दलील पर महिला आयोग नाराज 

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने निर्भया मामले के दोषियों की मौत की सजा की तामील के संदर्भ में दिल्ली सरकार की दलील पर नाराजगी जाहिर करते हुए बुधवार को कहा कि इन लोगों को तय तारीख 22 जनवरी को ही फांसी दी जानी चाहिए। रेखा शर्मा ने कहा, ”दिल्ली सरकार के एएसजी कई दिनों के बाद जागे हैं और कह रहे हैं कि फांसी देने में 14 दिन का समय लगेगा। यह मामले में देर करने की तरकीब है। मैं इसकी निंदा करती हूं।

उन्होंने कहा, ” जब एक सुधारात्मक याचिका खारिज कर दी गई तो दूसरी भी स्वत: खारिज हो जाती हैं। इसके बाद एक-एक करके याचिका दायर की जाती है और अदालत इन याचिकाओं पर विचार के लिए स्वीकार क्यों करती है? आयोग की अध्यक्ष ने कहा, ” हम चाहते हैं कि पहले वाली तिथि पर फांसी होनी चाहिए। 

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