नई दिल्ली। स्मार्ट और सूक्ष्म कृषि को आगे बढ़ाने के लिए किसानों और कृषि संबंधी आंकड़ों का सही ढंग से उपयोग करने के लिए सरकार का जोर कृषि प्रौद्योगिकी आधारित ‘स्टार्ट अप’ को प्रोत्साहित करने पर है।

प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी तीसरे विश्व आलू सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को लेकर तेजी से कदम उठाए जा रहे हैं । किसानों के प्रयास और सरकार की नीति के संयोग का ही परिणाम है कि अनेक अनाजों और खाने के अन्य सामान के उत्पादन में भारत दुनिया के शीर्ष तीन देशों में है । सरकार का प्रयास है कि खेती की लागत कम हो, किसान का खर्च कम हो। किसान सम्मान निधि से किसानों के अनेक व्यय को पूरा करने में मदद मिलती है।

उन्होंने कहा कि चालू महीने के शुरुआती दिनों में, एक साथ 6 करोड़ किसानों के बैंक खातों में, 12 हजार करोड़ रुपए की राशि हस्तांतरित करके एक नया रिकॉर्ड भी बनाया गया है ।

उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में कोई भूखा और कुपोषित ना रहे, इसकी भी एक बड़ी जिम्मेदारी आप सभी के कंधों पर है। उन्होंने केहा कि मुझे विश्वास है कि आने वाले तीन दिनों में आप इसी दिशा में गंभीर मंथन करेंगे। इस सम्मेलन की खास बात ये भी है कि यहां आलू सम्मेलन, कृषि एक्सपो और आलू खेत दिवस तीनों एक साथ हो रहे हैं। मोदी ने कहा कि करीब 6,000 किसान खेत दिवस के मौके पर खेतों में जाने वाले हैं। ये प्रशंसनीय प्रयास है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहली बार यह सम्मेलन दिल्ली से बाहर हो रहा है। गुजरात में इस कॉन्क्लेव का होना इसलिए भी अहम है क्योंकि, ये राज्य आलू की उत्पादकता के लिहाज सेवग महत्वपूर्ण है ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here