विशेष संवाददाता
बुधवार को कोरोना वारियर्स पर,जो अपनी जान पर खेलकर इस महामारी से सबको बचाने के पुनीत काम में लगे हैं, एक समुदाय विशेष के लोगों ने शर्मनाक हमले किये । मुरादाबाद में तो घर की छतों से पुरुषों के साथ महिलाओं ने पत्थरबाजी की। डॉक्टरों के साथ मेडिकल टीम घायल हो गई। बाद में पुलिस ने 12 महिलाओं सहित 25 को पकड़ा। इसी तरह बिहार के औरंगाबाद में भी डॉक्टरों पर हमला किया गया। एक तीसरी घटना दिल्ली के एलएलजे अस्पताल में हुई जहां तबलीगी जमात के लोगो ने महिला डॉक्टर से छेड़छाड़ की । पुलिस ने सख्त एक्शन लेते हुए गिरफ्तारी की है। यूपी के सीएम ने तो उपद्रवियों पर रासुका लगाने का आदेश दिया है
बिहार के औरंगाबाद के एक गांव में कोरोना संदिग्ध की सूचना पर पहुंची टीम पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। हमले में एसडीपीओ समेत कई लोग घायल हो गए। मोतिहारी में संक्रमण के प्रति लोगों को जागरूक करने गए अफसरों पर ग्रामीणों ने हमला किया, इसमें बीडीओ घायल हो गए। यूपी के मुरादाबाद में कोरोना संक्रमण से मरे युवक के भाई को क्वारैंटाइन कराने पहुंची टीम पर लोगों पथराव-फायरिंग कर दी। बताया जाता है के चार दिन पहले मृतक के भाई की भी मौत हो गयी थी। उसे चुपचाप दफना दिया गया था। दोनो भाई मरकज से भाग लेकर लौटे थे।
उधर कोरोना संदिग्ध की सूचना मिलने पर औरंगाबाद के गोह थाना क्षेत्र के एकौनी गांव पहुंचे स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिस पर गांव के लोगों ने बुधवार को हमला कर दिया। गांव के लोगों ने एसडीपीओ राजकुमार तिवारी और उनके साथ मौजूद पुलिस के जवानों को भी पीटा। जान बचाने के लिए एसडीपीओ को पीछे हटना पड़ा। सूचना पर पहुंचे डीएम सौरभ जोरवाल और एसपी दीपक बरनवाल ने पुलिस बल के साथ गांव के लोगों को खदेड़ा। एसडीपीओ के अलावा कई पुलिसकर्मी, आयुष चिकित्सक डॉ अर्जुन कुमार, एएनएम नीलू कुमारी, केयर मैनेजर अनूप कुमार मिश्रा, ड्राइवर सूरज कुमार भी घायल हो गए।
मोतिहारी जिले में कोरोनावायरस के संक्रमण के साथ ही एईएस का खतरा भी मंडरा रहा है। अफसरों की टीम ग्रामीणों को जागरूक करने गई थी, जिस पर हमला किया गया।
इन घटनाओ से व्यथित होकर डाक्टरों ने बिहार में प्रोटेस्ट मार्च निकाल कर माग की है कि उनको पूरी सुरक्षा प्रदान की जाए अन्यथा वे इलाज से पीछे हट जाएगे।