मेरठ । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खेल नगरी के सरधना में रविवार को सात सौ करोड़ की लगातार से तैयार होनेञ± वाले मेजर ध्यान चंद खेल विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया। योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रेशर मे बनने वाले इस पहले खेल विवि को करीब ढाई वर्ष में तैयार करने का लक्ष्य रखा है। पीएम मोदी ने इस अवसर पर खेल प्रदर्शनी का अवलोकन करने के साथ जिम पर अपना हाथ भी आजमाया। उन्होंने खेल विश्वविद्यालय के बाद शिलान्यास में अपने 43 मिनट के संबोधन में हर क्षेत्र को शामिल किया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नई दिल्ली में मौसम खराब होने के कारण सड़क मार्ग से मेरठ पहुंचे। मेरठ आगमन पर भगवान औघडऩाथ का दर्शन-पूजन करने के साथ ही उन्होंने कालीघाट में शहीद स्मारक का भी अवलोकन दिया। इसके बाद उन्होंने सरधना में बटन दबाकर मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया।

प्रधानमंत्री ने इसके बाद खिलाडिय़ों, खेल प्रेमियों तथा बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों को संबोधित किया। उन्होंने वहां पर लोगों को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ तथा पहले की सरकार के कामकाज के फर्क को खेल से जोड़ते हुए समझाया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि प्रदेश में 2017 से पहले की सरकारों के कार्यकाल में प्रदेश में अपराधी और माफिया अपना-अपना खेल खेलते थे। पहले तो यहां अवैध कब्जे के टूर्नामेंट होते थे, बेटियों पर फब्तियां कसने वाले खुलेआम घुमते थे, मेरठ के आसपास के लोग भूल नहीं सकते कि माफिया लोग तो उनके घर जला दिया करते थे। पहले की सरकार अपने खेल में लगी रहती थी। उस खेल का नतीजा था कि लोग पलायन को मजबूर हो गए। अब योगी आदित्यनाथ की सरकार उनके साथ जेल-जेल खेल रही है। पांच साल पहले इसी मेरठ की बेटियां शाम होने के बाद अपने घर से निकलने से डरती थींं, आज मेरठ की बेटियां पूरे देश का नाम रोशन कर रही है। मेरठ के सोतीगंज बाजार में गाडिय़ों के साथ होने वाले खेल का भी एंड हो रहा है। अब यूपी में असली खेल को बढावा मिल रहा है, अब तो यूपी के युवओं को खेल की दुनिया में छा जाने का मौका मिल रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरठ की उर्जावान तथा क्रांतिकारी भूमि का लोगों ने दुरुपयोग किया। युवाओं को लक्ष्य से भटकाया। अब ऐसा नहीं हो पा रहा है। प्रदेश में डबल इंजन की सरकार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पांच साल पहले जो अपराधी यहां अपराध का खेल खेलते थे, आज योगी आदित्यनाथ सरकार उन माफिया के साथ जेल-जेल खेल रही है। पहले तो यहां पर अवैध कब्जे के टूर्नामेंट होते थे, लोग अपना घर छोड़कर पलायन करते थे, अब ऐसा नहीं हो रहा है। लोग घर वापस लौट रहे हैं।

मेरठ का गौरवशाली इतिहास

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत माता की जय के साथ संबोधन शुरू करने के साथ ही सभी लोगों को वर्ष 2022 की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि वर्ष की शुरुआत में ही मेरठ आना सौभाग्य की बात है। मेरठ का इतिहास काफी गौरवशाली है। मेरठ ने देश की आस्था को ऊर्जावान किया है। सिंधु घाटी की सभ्यता से लेकर पहले स्वतंत्रता संग्राम तक इस धरती ने दिखाया है देश का गौरव क्या होता है। मेरा सौभाग्य है कि मैं भगवान औघडऩाथ मंदिर व शहीद स्मारक गया। पीएम मोदी ने कहा कि 1857 की क्रांति में मेरठ ने नई दिशा दी। आज हम गर्व से आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। राष्ट्र रक्षा के लिए, सीमा पर बलिदान हो या फिर खेल के मैदान में राष्ट्र के लिए सम्मान। इस क्षेत्र ने सदा अपनी लौ को प्रज्ज्वलित रखा है। भारत के इतिहास में मेरठ का स्थान केवल एक शहर का नहीं। यह हमारी संस्कृति का अहम केंद्र है। नूरपुुर मढिया ने चौधरी चरण सिंह जैसा विजिनरी नेता दिया। देश की शान मेजर ध्यानचंद की कर्मस्थली मेरठ भी रहा है। हमने खेल के सर्वोच्च पुरस्कार का नाम दद्दा के नाम कर दिया। उनके नाम में एक संदेश है, ध्यान। बिना ध्यान केन्द्रित करे किसी को कभी भी सफलता नहीं मिलती है। जिसका नाम मेजर ध्यानचंद से जुड़ा हो वहां के खिलाड़ी अब तो देश का नाम रोशन करेंगे। देश के पहले खेल विवि की बधाई। सात सौ करोड से बनने वाला यह विवि दुनिया का शानदार विवि बनेगा। यहां से हर साल एक हजार से अधिक खिलाड़ी निकलेंगे।

युवाओं पर फोकस पीएम मोदी

उन्होंने कहा कि साथियों हमारे यहां कहा जाता है, जिस पथ पर महान जन महान विभूतियां चलेंं वही हमारा पथ है लेकिन अब हिंदुस्तान बदल चुका है हम इक्कीसवी सदी में है। इस समय सबसे बड़ा दायित्व युवाओं के पास है। मत बदल गया। जिस मार्ग पर युवा चल रहे वहीं मार्ग देश का मार्ग है। जिधर युवाओं के कदम बढ जाएंं मंजिल कदम चूमने लगती है। युवाओं पर फोकस करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि युवा नए भारत का कर्णधाार है, युवा नए भारत का नेतृत्वकर्ता है। आधुुनिकता का बोध भी है। जिधर युवा चलेगा भारत उधर चलेगा, जिधर भारत चलेगा उधर दुनिया चलने वाली है। आज हम देखेंं तो साइंस से लेकर साहित्य तक, स्टार्टअप से लेकर स्पोटर्स तक भारत के युवा छाए हैं। खेल की दुनिया में हमारे युवा पहले भी सार्थवान थे, हमारी खेल संस्कृतति समृद्ध रही है। मेरठ में होने वाले दंगल और उसमें घी के पीपे और लड्डूू का पुरस्कार मिलता है। ऐसे में किसका मन मैदान में उतरने का न हो। पहले की सरकार की नीतियों का खेल के प्रति नजरिया अलग रहा। शहरों में जब कोई युवा अपनी पहचान बताता था तो सामने वाले पूछते थे कि अरे बेटे खेलते हो ये तो ठीक है, पर काम क्या करते हो। खेल की इज्जत नहीं मानी जाती थी। खेल के प्रति सोच समिति हो गई थी। यह तो सरकारों का दायित्व था कि खेल के प्रति सोच बदलें, लेकिन हुआ उल्टा।

खेल में भी भाई-भतीजावाद

पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हम लोग खेल और खिलाड़ी को विशिष्ट पहचान दिलाने में लगे हैं। इसमें विलम्ब हो रहा है, हमसे पहले की सरकार इसको लेकर गंभीर नहीं थीं। उन्होंने कहा कि यहां पर तो ट्रेनिंग से लेकर टीम सलेक्शन पर हर स्तर पर भाई भतीजावाद भ्रष्टाचार और भेदभाव होता था। पारदर्शिता नहीं थी। हाकी उदाहरण है। हर खेल की यही कहानी थी। बदलती खेल सुविधाओं के बीच सरकार सुविधाए मुहैया नहीं कर पाई। 2014 के बाद हमने हर स्तर पर काम किया। हमारी सरकार ने अपने खिलाडियो को चार शस्त्र दिए है। सुविधाएं, ट्रेनिंग, इंटननेशनल स्तर पर एक्पोजर, चयन में पारदार्शिता। पीएम ने कहा कि हमने खिलाडिय़ों को रोजगार से जोडा। आज सरकार देश के शीर्ष खिलाडिय़ों को डाइट के साथ ट्रेनिंग के लिए आर्थिक मदद दे रही है। खेलो इंडिया के माध्यम से टेलेंट की पहचान की जा रही है। इंटरनेशनल खिलाड़ी बनाने के लिए हर संभव मदद की जा रही है। आज हमारे खिलाड़ी का प्रदर्शन दुनिया देख रही है। आप लोगो ने ओलिंपिक में देखा, पैरालिंपिक में देखा। चयन में पारदर्शिता से मेडल की झड़ी लग गई। खेल में भारत का उदय हुआ। आज हम देख रहे है कि उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के बेटे-बेटियां आ रहे हैैं, अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहेे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि खेलों के लिए जरूरी है कि हमारे युवाओं में विश्वास पैदा हो। खेल को रोजगार बनाने का हौैसला बढ़े। मैं चाहता हूं कि जिस तरह दूसरे प्रोफेशन है ऐसे ही खेल को भी देखें। जो भी खेल में जाएगा वह जरूरी नहीं की दुुनिया में नंबर वन बनेगा लेकिन खेल से जुडे अन्य क्षेतों में जाने के लिए एक सिस्टम बनाया जा रहा है। अगर खेलों के लिए जरूरी संशाधन होगे तो खेल संस्कृति आकार लेगी। उन्होंने कहा कि खेल विवि जरूरी है। यह खेल की संस्कति के लिए नर्सरी का काम करती है। पीएम ने कहा कि 2018 में पहला खेल विवि मणिपुर में खोला गया अब मेरठ में आज मेजर ध्यान चंद खेल विवि खेल में हायर ऐजूकेशन का एक और सेंटर मिला है।

मेरठ लाखों करोड़ का खेल का वैश्विक बाजार

प्रधानमंत्री ने कहा कि खेल से जुड़ी सर्विस और बाजार का वैश्विक बाजार लाखों करोड रुपये का है। मेरठ से ही सौ से अधिक देशों को खेल का सामान जा रहा है। मेरठ तो लोकल को ग्लोबल बना रहा है। मकसद यह है कि खेल के उत्पादक में भी देश आत्मनिर्भर बन सके। पीएम मोदी ने कहा कि पढ़ाई में खेल अब दूसरे विषय के बराबर है। यूपी के युवओं में इतनी प्रतिभा है कि आसमान भी छोटा पड़़ जाए।

डबल इंजन सरकार का लाभ मिल रहा है

प्रधानमंत्री ने कहा कि यूपी में डबल इंजन सरकार कई विवि की स्थापना कर रही है। गोरखपुर में आयुष तो प्रयागराज में विधि विवि, लखनऊ में फोरेंसिंक साइंस तो सहारनपुर में मां शाकुभरी विवि और मेरठ में खेल विवि। हमारा ध्येय साफ है कि हमारा युवा रोल माडल बने ओर पहचाने भी। इनको योग्य होने पर बढावा दें लेकिन गलतियां होने पर यह न कहें कि लड़़कों से गलती हो जाती है। योगी सरकाार रिकार्ड भर्ती कर रही है। विभिन्न योजनाओं में युवाओं को लाभ मिला है। टैैबलेट और स्मार्ट फोन दे रही है। स्वामित्व योजना के तहत केन्द्र सरकार गांव में लोगों को मालिकाना हक का घरौनी दिला रही है। इससे बैंकों से आसानी से मदद मिल पाएगी। समाज के हर वर्ग को अवैध कब्जे से मुक्ति मिलेगी।

किसानों के हित में काफी काम

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि योगीजी की सरकार में जिताना गन्ना भुगतान दिया, उतना पिछली दोनों सरकारों ने नहीं दिया। किसाानों के बैंक खातों में रकम दी गई है। चीनी मिल काौडिय़ों के मोल बेची गईं, भ्रष्टाचार हुआ। योगीजी की सरकार में मिल बंद नहीं होतीं उनका विस्तार होता है। नई मिल खोली जाती हैंं। यूपी गन्ने से बनने वाले ऐथेनाल में भी आगे बढ रहा है। 12 हजार करोड़ का ऐथेनाल यूपी से खरीदा गया है। ग्रामीण स्तर पर भंडारण पर एक लाख करोड रुपये खर्च किए जा रहे हैं।

प्रदेश को एकसप्रेसवे की सौगातें

प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरठ एक्सप्रेस वे से दिल्ली का सफर एक घंटे का हो गया है। मेरठ से ही गंगा एक्सप्रेस वे भी शुरू होगा। मेरठ में मेट्रो और रैपिड रेल भी दौड़ेगी। मेरठ में आइटी पाक का भी लोकापर्ण हो गया है। रेवडी, गजक, हैडलूम, ब्रास बैंड, आभूषण ऐसे कारोबार मेरठ की शान हैं। यही डबल इंजन की सरकार की पहचान है। इस पहचान को और सशक्त करना है। पश्चिम के लोग जानते हैं उधर हाथ लंबा करोगे तो योगी लखनऊ में और इधर मैं हूं। विकास की गति को बढ़ाना है, नए साल में नई ऊर्जा के साथ आगे बढेगे। आज पूरा देश पश्चिम के युवाअें की ताकत देख रहा है ये देश की ताकत है। एक बार फिर आपको मेजर ध्यान चंद विवि की बधाई।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताते हुए पीएम के सड़क मार्ग से नई दिल्ली से मेरठ आने का जिक्र किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के पहले खेल विवि का नाम मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखा गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने टोक्यो ओलिंपिक और पैरालिंपिक में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाडिय़ों का सम्मान किया। इसके साथ ही हमने गांवों में जिम, खेल मैदान प्रदेश सरकार ने दिया। प्रदेश की सरकार ने कांवड़ यात्रा को फिर से शुरू कराया और महिलाओं को सुरक्षा मुहैया कराई।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सरधना में मेजर ध्यान चंद खेल विश्विद्यालय के प्रांगण में शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचने पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कार्यक्रम स्थल पर खिलाडि़य़ों से बातचीत के बाद मेरठ में बनने वाले विभिन्न खेल उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस दौरान पीएम खेल कंपनियों के प्रत्येक स्टाल पर गए और खेल उत्पादों की बारीकी से जानकारी ली। पीएम ने एक स्टाल पर कसरत भी की। उनके साथ राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी मौजूद रहे।

सड़क मार्ग से पहुंचे प्रधानमंत्री

दिल्ली में मौसम खराब होने की वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सड़क मार्ग से मेरठ लाया गया। पुलिस ने पहले से सड़क मार्ग से सभी इंतजाम किए हुए थे। प्रधानमंत्री के काफिले के समय मेरठ- दिल्ली एक्सप्रेस-वे पर यातायात रोक दिया गया था। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि प्रधाममंत्री को हवाई मार्ग से मेरठ आना था। दिल्ली में मौसम खराब होने की वजह से हवाई मार्ग से नहीं आ सकें। अचानक की कार्यक्रम में बदलाव कर दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेस-वे का यतायत रोक दिया गया।

प्रधानमंत्री के काफिले को एक्सप्रेस वे से परतापुर में एनएच 58 पर उतारा गया। यहां से मोदीपुरम फ्लाईओवर होते हुए रुड़की रोड पर लाया गया। उस समय दिल्ली हाइवे पर यातायात कुछ समय के लिए रोक दिया गया था। प्रधानमंत्री के काफिले को रुड़की रोड पर टैंक चौराहे से होते हुए कैंट के अंदर से औघड़नाथ मंदिर लाया गया। यहां पर पहले से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनके स्वागत को आ गए थे। प्रधानमंत्री के मंदिर पहुचते ही। मुख्यमंत्री ने उनका स्वागत किया। उसके बाद पूजा अर्चना करने के बाद शहीद स्मारक पर गए। यहां शहीदों को नमन करने के बाद वापस कैंट एरिया से होते हुए रुड़की मार्ग पर लाया गया। मोदीपुरम फ्लाईओवर से होते हुए सलावा में जनसभा के लिए प्रधानमंत्री प्रस्थान कर गए।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खेलो इंडिया के तहत देश के हर कोने में खेलों के विकास पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। उनका जिन प्रमुख क्षेत्रों पर विशेष ध्यान है उनमें खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ देश के हर हिस्से में विश्वस्तरीय खेल अवसंरचना स्थापित करना शामिल है। मेरठ में मेजर ध्यान चंद खेल विश्वविद्यालय की स्थापना इस परिकल्पना को पूरा करने की दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम होगा।

मेरठ में खेल विश्वविद्यालय में मिलेंगी ये सुविधाएं

मेरठ का यह खेल विश्वविद्यालय आधुनिक व उत्कृष्ट खेल अवसंरचना से लैस होगा। यहां पर सिंथेटिक हॉकी मैदान, फुटबाल मैदान के साथ बास्केटबाल, वालीबाल, हैंडबाल तथा कबड्डी ग्राउंड भी बनाया जाएगा। इनके साथ लान टेनिस कोर्ट, जिम्नेजियम हॉल, सिंथेटिक रनिंग स्टेडियम, तरणताल, बहुउद्देश्यीय हॉल और साइकिल वेलोड्रोम का भी निर्माण होगा। विश्वविद्यालय में निशानेबाजी, स्क्वॉश, जिमनास्टिक, भारोत्तलन, तीरंदाजी, कैनोइंग और कयाकिंग जैसी अन्य खेलों की सुविधायें भी रहेंगी। विश्वविद्यालय में 540 महिला और 540 पुरुष खिलाडिय़ों को मिलाकर कुल 1080 खिलाडिय़ों को प्रवेश देकर उनको उच्च स्तरीय खेल प्रशिक्षण देने की क्षमता होगी।

नागर शैली में बनेगा मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय

मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय भारत की प्राचीन नागर शैली में तैयार होगा। इसमें ओलिंपिक खेलों की सभी प्रतिस्पर्धाएं के जुड़े खिलाडिय़ों को प्रवेश दिया जाएगा। यहां पर अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विभिन्न खेलों के ट्रैक व स्टेडियम तैयार होंगे। एथलेटिक्स के साथ फुटबाल, जैवलिन थ्रो, डिस्कस आदि खेल प्रतियोगिताएं हो सकेंगी। खेल विश्वविद्यालय में दो प्रकार से दर्शक दीर्घा क्षमता के साथ स्टेडियम तैयार होंगे। इसमें आउटडोर गेम्स जैसे एथलेटिक्स आदि के लिए लगभग 25 से 30 हजार लोगों की बैठने की व्यवस्था होगी। कुश्ती, खो-खो तथा कबड्डी आदि इंडोर गेम्स के लिए करीब पांच हजार दर्शकों की क्षमता के हाल तैयार होंगे। यहां पर तीरंदाजी के साथ शूटिंग रेंज भी होगी।

गंगनहर में राफ्टिंग व रोइंग

उत्तर प्रदेश के पहले खेल विवि में विश्वस्तरीय तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। गंगनहर के किनारे बनने वाले खेल विवि में राफ्टिंग व रोइंग , नौकायन जैसे जलीय खेलों का प्रशिक्षण भी होगा।

खेल विवि में बनेंगे ये भवन

प्रशासनिक ब्लाक, एकेडमिक ब्लाक, सेंट्रल लाइब्रेरी, आडिटोरियम, फैसिलिटी सेंटर (बैंक, डाकघर व दुकान), शापिंग कांप्लेक्स, मेंटीनेंस कार्यालय, हेल्थ सेंटर, पुलिस चौकी, अतिथि गृह, कुलपति आवास, पुरुष छात्रवास, महिला छात्रवास, सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के अलग टाइप के आवास, मल्टीपरपज हाल, जिम, योग हाल, गार्ड रूम, बास्केट बाल, लान टेनिस, वालीबाल, 100 मी. ट्रैक, हाकी ग्रांउड, फुटबाल, एथलेटिक्स, हैंडबाल कोर्ट, 60 मीटर शूटिंग रेंज आदि।

हर जिले से 75 खिलाड़ी आमंत्रित

खेल विवि के शिलान्यास कार्यक्रम में प्रदेश के हर जिले से 75 खिलाड़ियों को आमंत्रित किया गया था । कुल 16,850 खिलाड़ी कार्यक्रम में शामिल हुए

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