वाराणसी। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में बेनियाबाग में प्रदर्शन के दौरान हुए गिरफ्तार डेढ़ साल की बच्ची चंपक के माता-पिता सहित 56 आरोपितों की जमानत अर्जी कोर्ट से मंजूर होने के बाद सभी जेल से रिहा हो गए हैं। दुधमंही बच्ची की मां एकता शेखर ने जेल से बाहर आने के बाद कहा कि वह मेरे दूध पर निर्भर है, मुझे उसकी चिंता थी। यह मेरे लिए बहुत कठिन था। आपको बता दें कि अदालत ने 25-25 हजार रुपये के दो जमानतदार के बंधपत्र दाखिल करने पर रिहाई का आदेश दिया था।

अभियोजन के अनुसार 19 दिसंबर 2019 को कुछ लोगों की ओर से बिना अनुमति के बेनियाबाग क्षेत्र में जुलूस निकाला गया और राष्ट्रविरोधी नारेबाजी भी हुई। मना करने पर जुलूस में शामिल लोग पुलिस बल के साथ धक्कामुक्की करने लगे। इसके बाद पुलिस ने चंपक के पिता रवि शेखर, मां एकता शेखर के अलावा सानिया खां, मनीष शर्मा, राजनाथ पांडेय, नंदलाल पटेल, रामदुलार, शिवनाथ, प्यारेलाल, लालमणि वर्मा, हेमलाल, श्यामलाल, शिवशंकर भारती, अमृत कुमार, जयशंकर, विजय कुमार, नंदाराम शास्त्री, जयशंकर, अनिल कुमार, सुरेंद्र यादव, नितेश कुमार, रवीन्द्र प्रकाश, दीपक सिंह, नीरज, राज, अभिषेक, अर्पित गिरि, अनंत प्रकाश, रोहन कुमार, सागर, विवेक, दिवाकर, धनंजय साजिद उर्फ शाहिद जमाल, मो. अहमद निसार, शमीम, अनवर, परवेज, रईस अहमद अंसारी, फिरोज अहमद, अब्दुल मतीन, इकबाल, मोबिन अहमद, सिराज, मो. शाहिद, अकबर, अहमद अंसारी समेत 56 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

निचली अदालत में जमानत अर्जी खारिज होने के बाद आरोपितों की ओर से सत्र न्यायालय में जमानत अर्जी दाखिल हुई। जिस पर बुधवार को सुनवाई हुई। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी व अनिल कुमार सिंह ने पक्ष रखा। अपर जिला जज (सप्तम) सर्वेश कुमार पांडेय की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनकर और पत्रावली के अवलोकन के बाद जमानत अर्जी स्वीकार कर ली।
देर से पहुंचा परवाना, आज हुई रिहाई
जेलर पीके त्रिवेदी ने बताया कि दो महिलाओं की रिहाई का परवाना शाम पांच बजे के बाद पहुंचा। बताया कि नियमानुसार शाम 4.30 बजे तक परवाना आ जाता तो रिहाई कर दी जाती। गुरुवार की सुबह 7 से 8 बजे के बीच महिलाओं की रिहाई हुई। कोर्ट से जमानत अर्जी स्वीकार होने के बाद कई आरोपितों की रिहाई के लिए शाम को उनके परिजन, जिला जेल के बाहर इकट्ठा हुए। फिर पता चला कि रिहाई गुरुवार को हो सकेगी, इसके बाद मायूस हुए।
बच्ची के साथ शाम के लिए फिर इंतजार
जेल में बंद एकता शेखर और उनके पति रवि शेखर को उम्मीद थी कि बुधवार को रिहाई के बाद अपनी सवा साल की बच्ची चंपक से मिलेंगे।लेकिन नियमों के बंधन के कारण यह इंतजार और बढ़ गया। रवि के बड़े भाई शशिकांत तिवारी ने बताया कि अगली सुबह बच्ची मां से मिल पाएगी।

गौरतलब है कि 19 दिसंबर को गिरफ्तारी के दिन से ही एकता व रवि अपनी बच्ची से दूर हैं।
प्रियंका ने किया ट्वीट- सरकार बेगुनाह मां को घर जाने दे
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने फिर से बुधवार को ट्वीट कर प्रदेश सरकार पर हमला बोला। चंपक की मां व पिता के जेल में होने पर ट्वीट किया कि ‘यह सरकार का नैतिक कर्तव्य है कि वह इस बच्ची की बेगुनाह मां को घर जाने दे।’ इसके पहले प्रियंका गांधी ने एक और ट्वीट किया है। लिखा है, ‘भाजपा सरकार ने नागरिक प्रदर्शनों को दबाने के लिए ऐसी अमानवीयता दिखाई है कि एक छोटे सी बच्ची को मां-बाप से जुदा कर दिया है। चंपक की तबीयत खराब हो गई है लेकिन भाजपा सरकार की खराब नियत पर कोई असर नहीं पड़ा है। चंपक के माता पिता शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के चलते जेल में हैं।’