वाराणसी। तेल एवं गैस क्षेत्र की अग्रणी सरकारी कंपनी गेल इंडिया लि. प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा परियोजना के तहत शहरी क्षेत्र में सिटी गैस डिट्रीब्यूशन प्रोजेक्ट का काम कर रही है। इसके तहत कंपनी की तरफ से गैस कनेक्शन लेने के लिए लोगों का पंजीकरण कर रही है। इस काम के लिए कंपनी चेक से ही पब्लिक से भुगतान प्राप्त करती है। कंपनी कभी नकद धनराशि नहीं लेती है। यदि इसके लिए कंपनी का कर्मचारी बनकर कोई नकद पैसा मांगें तो आप कदापि ऐसा न करें। बल्कि पैसा मांगने वाले के बारे में कंपनी के हेल्पलाइन पर शिकायत अवश्य दर्ज कराएं।
कंपनी के स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि गैस कनेक्शन हासिल करने के लिए सबसे पहले पंजीकरण कराना आवश्यक होता है। पंजीकरण शुल्क 300 रुपये हैं। जबकि 18 प्रतिशत जीएसटी के साथ पंजीकरण शुल्क 354 रुपये होता है। पंजीकरण के लिए कंपनी ने कुछ एजेंसियों को ठेका दे रखा है। एजेंसियों के कर्मचारी घर-घर जाकर पंजीकरण का कार्य कर रहे हैं। कुछ लोगों ने चेक न होने के कारण पंजीकरण करवाने के लिए नकद पैसा देने का ऑफर किया है, जो सरासर अनुचित है। कंपनी किसी भी प्रकार से नकद धनराशि को स्वीकार नहीं करती है, चाहे वह पंजीकरण की राशि हो या गैस बिल भुगतान की।
गेल के मार्केटिंग इंचार्ज/मुख्य प्रबंधक सुरेश तिवारी ने लोगों से यह अपील की है कि डिजिटल भारत मुहिम में कंपनी का साथ देते हुए, किसी भी प्रकार का नकद भुगतान न करें। सभी प्रकार के भुगतान चेक के जरिए करें अथवा कंपनी की वेबसाइट (www.gailcgd.gail.co.in) पर ऑनलाइन, गेल के मोबाइल ऐप (यह ऐप गूगल प्ले स्टोर पर गेल पीएनजी (gail PNG) के नाम से उपलब्ध है) या फिर मकबूल आलम रोड स्थित कंपनी के ऑफिस में चेक के जरिए या पीओएस (PoS) मशीन से डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा है कि यदि कोई भी व्यक्ति नकद भुगतान मांगता है तो उसकी तत्काल शिकायत करें ।