नगर प्रतिनिधि

वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बुधवार को अपने कैंप कार्यालय में विकास कार्यों को गति देने के लिए सभी संबंधित विभागों के साथ आवश्यक बैठक की। इस मौके पर उन्होंने कोरोना महामारी के कारण आर्थिक गतिविधियों एवं विकास की गति में विराम लग जाने के बाद उसे फिर से चालू करने और मजदूरों एवं प्रवासियों को रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में तेजी से कार्य प्रारम्भ करने पर जोर दिया।।

उनका कहना था कि श्रमिकों को काम के अवसर मिलने पर उनको आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ेगा और वे अपना जीवनयापन सामान्य रूप से कर सकेंगे।

जिलाधिकारी ने कहा कि विभागीय कार्यों को तेजी से प्रारम्भ कराने के लिए अधिकारी अपने-अपने विभाग से संबंधित कार्य तत्काल प्रारम्भ करायें। ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय निर्माण, आवास निर्माण, गोवंश आश्रय स्थल एवं आंगनबाडी केन्द्रो के निर्माण तथा मनरेगा से कराये जा रहे कार्यों की समीक्षा की तथा किस कार्य पर कितने श्रमिक लगे हैं तथा उनमें से प्रवासी श्रमिकों की कितनी संख्या है, इसका विवरण भी समस्त विभागीय अधिकारीगण तैयार करें।

उन्होंने शौचालय निर्माण के संबंध में जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देशित किया कि अवशेष शौचालयों को निर्माण तत्काल शुरू किया जाय तथा जो अधूरे पड़े 32,921 शौचालयों का कार्य भी इस माह तक पूर्ण करायें। शौचालय निर्माण में एमआईएस की गलत फीडिंग करने वालों की सूची तलब की तथा उनके विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का निर्देश दिया।

मनरेगा कार्यों की समीक्षा के दौरान पूर्व से चल रहे 800 तालाबों की खुदाई का कार्य पूरा कराने के लिए उपायुक्त मनरेगा को निर्देश दिया कि जिन 90 ग्राम पंचायतों में कार्य अभी तक प्रारम्भ नहीं किये गये हैं, उनमें तत्काल कार्य प्रारम्भ करायें तथा प्रत्येक ग्राम पंचायतों में कम से कम 2 से तीन कार्य एक समय में कराये जायें जिससे अधिक से अधिक श्रमिकों को रोजगार प्राप्त हो सके। विकास खण्ड पिण्डरा में स्थित 3-4 झीलों का सर्वे करा लें जिससे जल संरक्षण का कार्य प्रारम्भ कराया जा सके।

जिलाधिकारी ने ग्राम पंचायतों में आंगनबाडी केन्द्रों के निर्माण की समीक्षा करते हुए कहा कि श्रमिकों की संख्या बढाते हुए इसका कार्य 15 जून से पूर्व पूर्ण करायें। उन्होंने निर्देशित किया कि जिले में गौशालाओं के निर्माण की गति बढाकर 15 दिन में अवशेष कार्य पूर्ण कराकर गोवंशों को उनमें पहुंचा दिया जाय। उन्होंने कहा कि हाइवे, ग्राम पंचायतों में तथा सड़कों पर खुले में घूमते हुए कोई भी गोवंश न दिखायी दे। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि गोवंश के चारे की समुचित व्यवस्था पूर्व में ही कर ली जाय।

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