जयपुर। मध्य प्रदेश के बाद अब राजस्थान में सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। शनिवार को कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि वो अशोक गहलोत सरकार को गिराने का प्रयास कर रही है। इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने विधायकों को समर्थन पत्र लिखने के लिए कहा है, जबकि उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट अपने समर्थकों के साथ दिल्ली पहुंचे हुए हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का माने तो राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के भीतर फूट बढ़ गई है कि क्योंकि सीएम और डिप्टी सीएम दोनों अपनी-अपनी ताकत दिखाने में लग हुए हैं। इस बीच राज्य सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते प्रसार को देखते हुए इंटर स्टेट आवागम पर रोक लगा दिया है। बता दें कि शनिवार को दिन की शुरुआत बीजेपी से जुड़े दो लोगों की गिरफ्तारी के साथ हुई जो कथित रूप से गहलोत सरकार को गिराने की कोशिश में जुटे हुए थे।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों को प्रलोभन देने और उनकी सरकार को अस्थिर करने का प्रयास की है। शनिवार शाम को गहलोत ने अपने आवास पर कई मंत्रियों और विधायकों से मुलाकात की और उन्हें समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा।
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इन सब के बीच डिप्टी सीएम सचिन पायलट दिल्ली पहुंच चुके हैं। अपुष्ट रिपोर्टों में कहा गया है कि पायलट का समर्थन करने वाले 15-17 विधायक भी उनके साथ दिल्ली आए हैं। भाजपा से जुड़े दो लोगों की गिरफ्तारी के बाद, एटीएस-एसओजी के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) अशोक राठौर ने कहा कि गिरफ्तार किए गए दोनों लोगों की पहचान अजमेर के मूल निवासी भरत मालानी और बांसवाड़ा जिले के मूल निवासी अशोक सिंह के रूप में हुई।
उन्होंने कहा, दोनों के बीच सरकार को अस्थिर करने को लेकर बातचीत करते हुए पाया गया है। अशोक सिंह राज्य के बीजेपी कार्यकारी के पूर्व सदस्य हैं और बांसवाड़ा में खनन का बिजनेस चलाते हैं। मलानी पहले बीजेपी की समितियों में से एक का राज्य समन्वयक रहा है। इस संबंध में मीडिया से बात करते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि बीजेपी विधोयकों को पक्ष बदलने और उनकी सरकार को गिराने के लिए 15-20 रुपए की पेशकश कर रही है। हालांकि, उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने बीजेपी के प्रयासों को विफल कर दिया है।
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