भारत और नेपाल ने सोमवार को सीमा पार व्यापार ढांचे के विकास की समीक्षा की और सीमा पार आर्थिक क्षेत्रों के निर्माण सहित व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के तरीकों पर बातचीत की है। सोमवार को दोनों देशों के बिच बाइलेटरल इंटर गवर्नमेंटल कमेटी की ओर से वर्चुअल बैठक आयोजित की गई जिसमें इन मुद्दों पर चर्चा हुई। बता दें कि इस साल की शुरुआत में सीमा रेखा को लेकर दोनों देशों के बीच मतभेद सामने आए थे। 

दरअसल, नेपाल ने पिछले महीने विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला की काठमांडू यात्रा के दौरान ट्रेड एंड ट्रांजिट व्यवस्था से संबंधित विभिन्न मुद्दों की समीक्षा करने की अपनी इच्छा का संकेत दिया था। काठमांडू में भारतीय दूतावास के एक बयान में कहा गया है कि बैठक में सीमा पार व्यापार बुनियादी ढांचे के विकास की समीक्षा की और निवेश को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की, जिसमें सीमा पार आर्थिक क्षेत्रों के विकास पर एक नया प्रस्ताव और संयुक्त व्यापार मंच की बैठक आयोजित करना शामिल है।

चर्चा के दौरान दोनों पक्षों ने ट्रेड, ट्रांजिट और संधियों की भी समीक्षा की। दोनों देशों के वाणिज्य सचिवों ने उल्लेख किया कि कोविड-19 महामारी के बावजूद, दोनों सरकारों की सुविधा के साथ सीमा के पार ट्रकों के जरिए व्यापार और वाणिज्यिक कार्गो का निर्बाध आवागमन था। बयान में कहा गया कि आज की इस चर्चा और बैठक में हुई प्रगति को देखते हुए भारत और नेपाल के बीच आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों में विस्तार और समर्थन करने की उम्मीद है।

सोमवार की बैठक की अध्यक्षता कॉमर्स सेक्रेटरी अनूप वाधवान और उनके नेपाली समकक्ष बैकुंठ आर्यल ने की और दोनों पक्षों के विभिन्न मंत्रालयों के प्रतिनिधियों ने भी बैठक में हिस्सा लिए। बता दें कि काठमांडू ने इस साल मई में एक नया मानचित्र जारी किया था जिसमें भारतीय क्षेत्र कालापानी पर अपना दावा किया था। भारत ने नेपाल के दावे को अस्वीकार कर दिया था। इसके बाद भारत के विदेश सचिव नेपाल दौरे पर भी गए थे।

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