केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता, इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर कल लोकसभा सांसद श्री राजेंद्र अग्रवाल, राज्यसभा सांसद श्री विजयपाल तोमर, विधायक श्री सोमेंद्र तोमर, एसटीपीआई के महानिदेशक श्री अरविंद कुमार और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री भुवनेश कुमार की उपस्थिति में एनएच-58 बाईपास के पास, वेदव्यास पुरी योजना, मेरठ के आईटीपी-03 में एसटीपीआई के 62वें केंद्र, एसटीपीआई-मेरठ का उद्घाटन करेंगे।

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भारत को डिजिटल तौर पर एक सशक्त समाज और ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था में बदलने के क्रम में आईटी के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए, एसटीपीआई-मेरठ केंद्र का उद्घाटन एफडीआई को आकर्षित करते हुए तथा डिजिटल उत्तर प्रदेश के दृष्टिकोण को साकार करते हुए सॉफ्टवेयर निर्यात को बढ़ावा देने एवं रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए टियर-2 शहरों और क्षेत्र के तकनीकी स्टार्ट-अप तथा एमएसएमई को सशक्त बनाने में एक उत्प्रेरक भूमिका निभाएगा।

एसटीपीआई-नोएडा के अधिकार क्षेत्र के तहत मेरठ केंद्र टियर-2/3 शहरों में एसटीपीआई का 54वां केंद्र है। एसटीपीआई-मेरठ उत्तर प्रदेश के आईटी फुटप्रिंट का विस्तार करने और टियर-2/3 शहरों के नवोदित तकनीकी उद्यमियों और स्टार्टअप को उनके अद्वितीय अवधारणाओं को नवीन उत्पादों में परिवर्तित करने के लिए सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

एसटीपीआई-मेरठ में अत्याधुनिक इनक्यूबेशन संयंत्र का कुल निर्मित क्षेत्र 25,074 वर्ग फुट है। यहां उच्च गति डेटा संचार सुविधाओं की गारंटी सहित 133 सीटों के साथ 3,704 वर्ग फुट का प्लग-एन-प्ले स्थान और 2,021 वर्ग फुट का कच्चा इनक्यूबेशन स्थान उपलब्ध है।

वित्त वर्ष 2020-21 में, एसटीपीआई-पंजीकृत इकाइयों ने आईटी / आईटीईएस निर्यात में 4,96,313 करोड़ रुपये का योगदान किया, जिसमें उत्तर प्रदेश का हिस्सा 22,671 करोड़ रुपए है।

यह संयंत्र युवा तकनीकी-उद्यमियों और स्टार्टअप्स के बीच एक निर्माता संस्कृति विकसित करने के लिए एक जीवंत इको-सिस्टम तैयार करेगा, जो उन्हें भारत और विश्व की चुनौतियों का सामना करने के लिए नवीन सॉफ्टवेयर उत्पादों को विकसित करने के लिए सशक्त बनाएगा। यह क्षेत्र से आईटी निर्यात को बढ़ावा देने और क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद करेगा।

एसटीपीआई केंद्र और इनक्यूबेशन संयंत्र के लाभ:

• इस क्षेत्र को पसंदीदा आईटी गंतव्यों में से एक के रूप में बढ़ावा देना और राज्य में आईटी/आईटीईएस/ईएसडीएम इकाइयों को आकर्षित करना,

• इस क्षेत्र से आईटी सॉफ्टवेयर और सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इस प्रकार सकल राष्ट्रीय निर्यात में योगदान करना,

• सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (एसटीपी) और इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (ईएचटीपी) योजना के तहत वैधानिक सेवाएं प्रदान करना,

• अत्याधुनिक इनक्यूबेशन संयंत्र, उच्च गति डेटा संचार (एचएसडीसी) और अन्य मूल्य-वर्धित सेवाएं प्रदान करना,

• नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए, आईपीआर का सृजन और उत्पाद विकास करना,

• स्टार्ट-अप को मार्गदर्शन और प्रचार संबंधी सहायता देना।

एसटीपीआई के बारे में:

भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संस्था के रूप में 5 जून, 1991 को सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) की स्थापना की गई थी। तब से यह भारतीय आईटी / आईटीईएस / ईएसडीएम उद्योग के विकास के इंजन के रूप में उभरा है। सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (एसटीपी) और इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (ईएचटीपी) योजनाओं को लागू करके देश से सॉफ्टवेयर और इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर निर्यात को बढ़ावा देने के नीतिगत प्रशासन के लिए शासनादेश के साथ, एसटीपीआई ने भारत में सॉफ्टवेयर निर्यात को प्रोत्साहित करने और बढ़ावा देने के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस सेवाएं, विश्व स्तरीय इंटरनेट कनेक्टिविटी, अत्याधुनिक इनक्यूबेशन संयंत्र और अन्य बुनियादी ढांचा सेवाएं प्रदान करके व्यापार करने में आसानी के लिए एक मजबूत इको-सिस्टम का निर्माण किया है।

इसके क्षेत्राधिकार में 11 निदेशालय और 62 केंद्र हैं, जिनमें से 54 टियर-2/3 शहरों में हैं। एसटीपीआई ने टियर-II/III शहरों में सॉफ्टवेयर निर्यात, अनुसंधान एवं विकास, नवाचार और तकनीक-संचालित उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए अखिल भारतीय स्तर पर अपनी उपस्थिति बढ़ाई है। सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम करते हुए, एसटीपीआई ने देश को पसंदीदा आईटी गंतव्य के रूप में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एसटीपीआई-पंजीकृत इकाइयों द्वारा 1992-93 के दौरान 52 करोड़ रुपए मूल्य का निर्यात शानदार वृद्धि के बाद 2020-21 में 4,96,313 करोड़ रुपए हो जाने से भी यह तथ्य प्रमाणित होता है।

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