घटना के बाद से ही लड़की गायब, सुसाइड नोट मिला

महाराष्ट्र राज्य सरकार ने गुरुवार को नवी मुंबई में अपने दोस्त की सत्रह वर्षीय बेटी से यौन छेड़छाड़ के आरोपी डीआईजी स्तर के एक पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया। पनवेल सत्र न्यायालय ने उसकी अग्रिम जमानत की अर्जी भी ख़ारिज कर दी है। आरोपी डीआईजी इस मामले में एफ़आईआर दर्ज होने के बाद से ही फ़रार है।

गृहमंत्री अनिल देशमुख के अनुसार इस मामले में एफ़आईआर दर्ज होने के बाद डीजीपी की रिपोर्ट पर आरोपी डीआईजी के निलंबन की कार्रवाई की गयी।

इस मामले में लड़की के परिवार वालों को धमकाने के आरोप में कांस्टेबल दिनकर साल्वे के विरुद्ध जांच शुरू कर असंज्ञेय अपराध का मामला दर्ज किया गया है।

डीआईजी के विरुद्ध यौन उत्पीड़न मामले की जांच कर रहे पुलिस इंस्पेक्टर के अनुसार आरोपी डीआईजी का मोबाइल स्विच ऑफ है और उसका कोई सुराग नहीं मिल रहा। डीआईजी की पत्नी को भी नहीं मालूम कि उसके पति कहां हैं। पत्नी के अनुसार पति के पास कोई पासपोर्ट नहीं है। पासपोर्ट विभाग से इस बारे में जानकारी मांगी गयी है।

तालोजा पुलिस ने २६ दिसम्बर को लड़की के परिवार वालों की शिकायत पर डीआईजी के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया था। डीआईजी और लड़की के पिता दोस्त थे।

पांच जून को लड़की के जन्मदिन की पार्टी में जबरन आ धमके डीआईजी ने लड़की के पिता से शराब की भी मांग की थी। इस मौके के एक वीडियो में डीआईजी को लड़की के चेहरे पर लगे केक को अंगुली से निकाल कर चाटते हुए देखा जा रहा है। लड़की के पिता ने शिकायत के साथ सबूत कतौर पर वीडियो भी जमा कराया है। शिकायत में लड़की को आपत्तिजनक ढंग से छूने का आरोप लगाया गया है
इस घटना के बाद से ही लड़की गायब है और उसका एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें उसने सुसाइड के लिए डीआईजी को ज़िम्मेदार ठहराया है।

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