देश की राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा की स्थिति क्या है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दिल्ली में हर पांच घंटे दस मिनट पर एक महिला का रेप होता है। आंकड़ों में इस बात का खुलासा हुआ है। 2020 में बीते साल की तुलना में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की कुल संख्या में कमी आई। इसके बावजूद राष्ट्रीय राजधानी में अभी भी 1,699 बलात्कार, 2,186 छेड़छाड़ और बच्चों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के 65 मामले दर्ज किए गए। साल 2019 में 2,168 बलात्कार, 2,921 छेड़छाड़ और POCSO अधिनियम (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012) के तहत 109 मामले दर्ज किए गए थे।
दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि कई सालों में यह पहली बार हुआ है कि महिलाओं के खिलाफ सभी प्रकार के अपराध कम हुए हैं। निश्चित रूप से, 2020 में, मार्च में कोविड-19 लॉकडाउन के कारण, लोगों की आवाजाही कम से कम चार महीनों के लिए कम हो गई थी, जो इस संख्या में कमी का एक और कारण भी हो सकता है। हालांकि, कई प्रमुख अपराधों की कुल संख्या और रोजाना का एवरेज उच्च स्तर दिल्ली के हाल को उजागर करता है।
शहर में अब भी हर पांच घंटे 10 मिनट में एक बलात्कार, हर 19 घंटे में एक हत्या और हर 15 मिनट में एक कार चोरी होती है – हालांकि ये औसत 2019 की तुलना में बेहतर है। 2019 में एक दिन में 17 की तुलना में 2020 में लगभग हर घंटे एक स्नैचिंग हुई। विशेषज्ञों ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध में समग्र रूप से कमी आई है, लेकिन 2020 के आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली में महिलाओं को खतरा बना हुआ है।