दायर किया हलफ़नामा

सोनिया गांधी के करीबी हर्ष मंदर  के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कोर्ट की अवमानना का आरोप लगाया है। इस हलफनामें में पुलिस ने कहा है कि जामिया में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान मंदर ने लोगों को हिंसा के लिए उकसाया और सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर कोर्ट की अवमानना की है, जिसके लिए उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई होनी चाहिए।

याद रहे दिल्ली हिंसा में भड़काऊ भाषण देने के मामले में भाजपा नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर को बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने फटकारते हुए कहा था कि हम आपकी याचिका नहीं सुनेंगे।

फ़ैसला अब सड़कों पर होगा: हर्ष मंदर

दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने यह बात याचिकाकर्ता हर्ष मंदर के बारे में तब कही जब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता हर्ष मंदर ने शाहीन बाग में जाकर प्रदर्शनकारियों को भड़काने का काम किया। अब सवाल उठता है कि आखिर हर्ष मंदर ने नागरिकता कानून की मुखालफत करने वाले लोगों से शाहीन बाग में क्‍या कहा था? इस संबंध में उनका एक विवादास्पद वीडियो वायरल हो रहा है। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी उस वीडियो को शेयर किया। इस वीडियो में हर्ष मंदर ने कहा था, ‘अब फैसला संसद या सुप्रीम कोर्ट में नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने एनआरसी, अयोध्या और कश्मीर के मामले में इंसानियत, समानता और सेक्युलरिज्म की रक्षा नहीं की। इसलिए फैसला अब सड़कों पर होगा.’

कौन हैं हर्ष मंदर

पूर्व आईएएस अधिकारी हर्ष मंदर नौकरी छोड़ने के बाद सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में काम करते हैं। कांग्रेस की अंतरिम अध्‍यक्ष सोनिया गांधी के करीबी माने जाते हैं और यूपीए (2004-2014) सरकार के दौरा वह नेशनल एडवाइजरी कौंसिल (एनएसी) के सदस्‍य भी थे। सोनिया गांधी इस एनएसी की चेयरपर्सन थीं।

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