जताते हुए कहा कि मामले की जांच आरंभिक स्थिति में है। पुलिस ने कहा आरोपी के ट्विटर हैंडल पर सामग्री अपमानजनक है और आरोपी एक विशेष समुदाय की महिलाओं को निशाना बनाने के लिए “सुली” और “बुली” जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहा था। पटियाला हाउस कोर्ट में दिल्ली पुलिस की ओर से पेश लोक अभियोजक इरफान अहमद ने कहा कि आरोपी ने ही वेबसाइट बनाई है। जांच अधिकारी अभी भी जांच कर रहे हैं और अब तक केवल एक पीड़ित सामने आया है और कई अन्य हैं जिनका अभी पता नहीं चल पाया है। वहीं नीरज बिश्नोई की ओर से पेश अधिवक्ता एल ओझा ने कहा उनके मुवक्किल को संदिग्ध के रूप में गिरफ्तार किया गया है। यह एक जमानती अपराध है लेकिन बाद में आईटी अधिनियम की धाराएं लगाई गईं। ट्विटर हैंडल जो अपराध करने के अपराध में इस्तेमाल किया गया है उस पर उनके मुवक्किल ने किसी भी अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल नहीं किया है।