याचिकाकर्ता ने दलील देते हुए कहा कि लोग, बच्चे और परिवार इससे पीड़ित होंगे।
आवासीय कॉलोनियों में शराब की दुकानें खोलने से अशांति पैदा होगी और सुरक्षा बाधित होगी, ऐसी कॉलोनियों से महिलाओं और बच्चों को उस रास्ते पर गुजरना काफी मुश्किल और असुरक्षित होगा