लॉकडाउन के बीच, दिल्ली सरकार ने गरीबों को खाना खिलाने की अपनी क्षमता बढ़ा दी है और अब वो प्रतिदिन 6.5 लाख से अधिक लोगों को दो वक्त का भोजन परोस रही है। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू किए गए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन ने गरीबों और बेघरों को सबसे अधिक प्रभावित किया है। जिन लोगों के पास पैसा और आश्रय नहीं है, उन्हें सहायता देने के लिए दिल्ली सरकार ने घोषणा की है कि वह उन्हें दोपहर और रात का भोजन उपलब्ध कराएगी।

1 अप्रैल से, लगभग 6.5 लाख लोगों को शहर भर के राहत केंद्रों से दोपहर और रात का भोजन परोसा जा रहा है। सरकार ने एक आधिकारिक बयान में कहा, ‘शनिवार को दिल्ली सरकार ने लगभग 1,592 केंद्रों से 6,48,469 लोगों को दोपहर का भोजन और 6,50,667 लोगों को रात का भोजन दिया। दिल्ली सरकार से शहर के विभिन्न हिस्सों से भोजन उपलब्ध कराने के लिए मांग भी की जा रही है।’

इसके अलावा, शनिवार को दिल्ली सरकार को दिल्ली के विभिन्न स्थानों से भोजन की मांग करते हुए 1,040 कॉल आईं। डेटा के मुताबिक, ‘इन कॉल या विभिन्न जगहों से आई मांग के आधार पर दिल्ली सरकार ने भी भोजन सुनिश्चित किया है।’ दिल्ली सरकार ने 1 अप्रैल से 10-12 लाख लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए अपनी खाद्य सेवा क्षमता को बढ़ाया है। लगभग 2,500 स्कूलों और 250 रैन बसेरों ने रोजाना 500 लोगों को दिन में दो बार भोजन बांटना शुरू कर दिया है।

रविवार को, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया कि जब लॉकडाउन शुरू हुआ, तो उन्हें बहुत चिंता थी कि बिना भोजन या पैसे के गरीब बुरी तरह से मारा जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘इसके लिए हमने एक योजना बनाने में बहुत मेहनत की और यह सुनिश्चित करने के लिए इसे लागू किया कि कोई भी भूखा न सोए। मुझे खुशी है कि हमारी भोजन राहत प्रणाली लाखों दिल्लीवासियों के लिए सुचारू रूप से काम कर रही है।’

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