विशेष संवाददाता

चाहे इसे दबाव कहें या हनुमान चालीसा का असर अथवा आप पार्षद ताहिर पर हत्या और दंगा फैलाने का आरोप
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने आरोप पत्र दाखिल होने के दो बरस बाद अंततः शुक्रवार को भारत विरोधी नारे लगाने और नफरत भड़काने के आरोप में घिरे कन्हैया कुमार पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 

जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार पर वर्ष 2016 में जेएनयू परिसर में लगे भारत विरोधी नारे और नफरत फैलाने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने सालभर पहले आरोपत्र दाखिल किया था। कन्हैया कुमार पर देशद्रोह समेत 8 धाराएं लगाई गई है। 

स्मरणीय है कि दिल्ली की एक अदालत ने पिछले साल 18 सितंबर को दिल्ली सरकार से एक महीने के अंदर कन्हैया और अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने पर फैसला लेने को कहा था। अदालत ने कहा था कि देरी के कारण अदालत का समय बर्बाद हुआ है क्योंकि आरोप पत्र दायर किए जाने के बाद भी मामला बार-बार सूचीबद्ध और स्थगित किया जा रहा है।

गौरतलब है कि 14 जनवरी को पुलिस ने कन्हैया कुमार, जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य सहित अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। इन पर आरोप है कि नौ फरवरी 2016 को परिसर में हुए कार्यक्रम में इन्होंने एक जुलूस की अगुवाई की और देशद्रोही नारे लगाए।

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