इन दिनों पूरी दुनिया कोरोना नामक महामारी का सामना कर रही है। इस बीमारी से निजात पाने के लिए कारण पूरे विश्व के वैज्ञानिक दिन रात जुटे हुए हैं।
वहीं दूसरी और एक और खतरनाक बीमारी ने भारत में दस्तक दे दी है। जिससे चिंता बढ़ना लाजमी है। हम बात कर रहे हैं कावासाकी बीमारी की जिसने भारत में अपना पैर पसारना प्रारंभ कर दिया है। भारत में इसका पहला शिकार चेन्नई का एक 8 वर्षीय बालक है।
यह बच्चा हाल ही में कोरोना संक्रमण के कारण चेन्नई के कांची कामकोटि चाइल्ड्स ट्रस्ट हॉस्पिटल लाया गया था, जहां वह आईसीयू में भर्ती कराया गया था। इस बच्चे में जहरीले शॉक सिंड्रोम (शरीर में उत्पन्न होने वाले विषाक्त पदार्थों) और कावासाकी बीमारी (जिससे रक्त वाहिनी में सूजन आती है) के लक्षण पाए गए थे। वही शुरुआती जांच में बच्चे के अंदर सेप्टिक शॉक के साथ निमोनिया, कोविड-19 पेनुमोनिटिस, कावासाकी रोग और विषाक्त शॉक सिंड्रोम के संभावित लक्षण मिले थे।
जानकारी के मुताबिक इस बच्चे को कोरोना संक्रमण समेत हाइपर- इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम को इम्यूनो ग्लोबुलीन और टोसी लीजुंबैब जैसी दवाओं से ठीक कर दिया गया है। वही अस्पतालों ने यह दावा किया है कि पीड़ित बच्चे की गहन देखरेख की गई है और 2 सप्ताह में वह स्वस्थ हो गया है। गौरतलब है कि लगभग अप्रैल माह के मध्य में लंदन में भी 8 बच्चों में यह बीमारी मिली थी वहीं अमेरिका में भी कई बच्चों में कावासाकी के संक्रमण की शिकायतें मिली है।
क्या है कावासाकी बीमारी
कावासाकी बीमारी शरीर के रक्त वाहिनियों से जुड़ी एक बीमारी है, जिसमें रक्त वाहिनी की दीवार में सूजन होती है और यह सूजन हृदय तक रक्त पहुंचाने वाली धमनियों को कमजोर कर देती है। गंभीर स्थिति में हार्ट अटैक होने की भी संभावना होती है। बुखार के साथ त्वचा पर चकत्ते दिखना, हाथों और गले में सूजन और आंखों का लाल होना इसके लक्षण में शामिल है।
ब्रिटेन में 100 से ज्यादा बच्चे बीमारी के शिकार
ब्रिटेन में इस बीमारी के कई मामले सामने आए हैं। अप्रैल महीने के आखिर में कावासाकी बीमारी के मामलों में अचानक से तेज़ी देखी गई है। द सन के मुताबिक 5 साल से लेकर 16 साल तक के बच्चे कावासाकी नाम की संक्रामक बीमारी के शिकार हुए हैं। ब्रिटेन में अब तक 100 बच्चे कावासाकी बीमारी के शिकार हो चुके हैं।
डॉक्टरों ने कावासाकी का कोरोना से बताया कनेक्शन
द लेंसेट के मुताबिक कावासाकी और कोविड 19 में आपस में साफ लिंक है। उत्तरी इटली के सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित इलाके में कावासाकी बीमारी में 30 गुना बढ़ोतरी देखी गई है। एक नए अध्ययन के मुताबिक 18 फरवरी से 20 अप्रैल के दौरान 10 बच्चों में एक जैसे ही लक्षण दिखाई दिए। डॉक्टरों ने इस बीमारी को पीडिएट्रिक इंफ्लेमेटरी मल्टी-सिस्टम सिंड्रम नाम दिया है जिसे कि शुरुआती तौर पर SARS-Cov-2 से जोड़ कर देखा गया है. विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना महामारी के दौरान ही इस बीमारी के उभरने से दोनों के बीच कोई न कोई कनेक्शन जरूर है।