दिल्ली में बेकाबू होते कोरोना को काबू करने और लोगों को इस महामारी से बचाने में मास्क के महत्व को समझाने के लिए सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को दिल्ली में कोरोना की स्थिति पर चर्चा के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद कहा कि अब सार्वजनिक स्थान पर बिना मास्क पहने पाने जाने पर 500 रुपये के स्थान पर 2000 रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग सख्ती दिखाने के बाद ही मानते हैं।
केजरीवाल ने कहा कि आज दिल्ली में काफी तादाद में लोग मास्क पहन रहे हैं, लेकिन अब भी कुछ लोग इसे नजरअंदाज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई बार जब कहने से बात नहीं बनती तो उन्हें थोड़ा टाइट करना पड़ता है। इसके तहत अब 500 रुपये के बजाय 2000 फाइन लगेगा।
सीएम ने सभी सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं और राजनीतिक दलों से अपील करते हुए कहा कि वे अपने कार्यकर्ताओं को सड़क पर उतारें और बिना मास्क पहन कर बाहर निकलने वाले लोगों को मास्क पहनने के लिए जागरूक करें। उन्होंने सभी से लोगों को मास्क बांटने की अपील की है।
सीएम ने कहा कि मेरी सभी धार्मिक संस्थाओं से भी यही अपील है। अगर आपने मास्क पहन लिया तो आपके कोरोना संक्रमित होने की संभावना बहुत ज्यादा कम हो जाती है, इसलिए मेरा सभी धार्मिक संस्थाओं, सामाजिक संस्थाओं और राजनीतिक दलों से निवेदन है कि आप अपने-अपने कार्यकर्ताओं को मास्क देकर सड़क पर उतारिए ताकि वे बिना मास्क के बाहर निकलने वाले सभी लोगों को मास्क बांटें। सभी लोग मास्क जरूर-जरूर पहनें। अगर आप मास्क पहन लेते हैं, तो कोरोना से काफी हद तक बच सकते हैं। अगर आप किसी को मास्क पहना देते हैं, तो आप यह सोचिएगा कि उसको कोरोना होने से बचाने का आपको पुण्य मिल गया। आपने एक आदमी को कोरोना होने से बचा लिया। इस बात का आपको पुण्य मिलेगा, इस बात का आप को सुकून मिल सकता है।
केजरीवाल ने कहा कि सरकार अस्पतालों में नॉन-इमरजेंसी ऑपरेशन को टालने का भी आग्रह करेगी ताकि कोविड-19 रोगियों की और अच्छे ढंग से देखभाल की जा सके। उन्होंने कहा कि यदि आपका टॉन्सिल का ऑपरेशन होना है, तो आप इसे अगले महीने भी शेड्यूल कर सकते हैं क्योंकि यह आपातकालीन नहीं है। हम इस संबंध में अस्पतालों से इसके लिए अनुरोध करेंगे।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने कोरोना मरीजों के लिए बेड्स बढ़ाने के लिए अहम निर्णय लिया है। इसके तहत सभी निजी अस्पतालों को अपने 80 प्रतिशत तक आईसीयू बेड्स और 60 प्रतिशत तक गैर आईसीयू बेड्स कोविड-19 रोगियों के लिए आरक्षित करने के लिए कहा गया है। दिल्ली में कुल मिलाकर 1413 ICU बेड्स बढ़ाए जा रहे हैं।