देश में लॉकडाउन का एक महीना पूरा हो चुका है। इसने लोगों की दिनचर्या और लाइफ स्टाइल (lifestyle ) को पूरी तरह से बदल दिया है। उनकी लाइफस्टाइल पहले से अलग हो गई है। भाग-दौड़ की जिंदगी मानों रुक सी गई है। घर ही ऑफिस (office )बन गए हैं। इसके अलावा लोगों की सेहत, खान-पान, रहन-सहन और साफ-सफाई से लेकर हर चीज में बदलाव हुआ है। जो लोग जिम ( gym)में जाकर घंटों पसीना बहते थे अब उन्हें घर पर ही एक्सरसाइज करनी पड़ रही है।
ओटीटी प्लेटफॉर्म होम थिएटर बन गया है। इसमें नेटफ्लिक्स की बल्ले बल्ले हो गई है। लॉक डाउन में उसने 1.6 करोड़ नए ग्राहक जोड़े हैं। जबकि मोबाइल की बिक्री न के बराबर है।
ओटीटी प्लेटफॉर्म बना होम थिएटर
लॉकडाउन के चलते लोग घरों में रहने को विवश हैं और जमकर ओटीटी प्लेटफॉर्म (ott platform )का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस कारण नेटफ्लिक्स की कमाई बढ़ने के साथ ही उसके सब्सक्राइबर बेस में बेतहाशा इजाफा दर्ज किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, साल की पहली तिमाही के बाद नेटफ्लिक्स ( netflix) के सब्सक्राइबर्स की संख्या में करीब 1.6 करोड़ का इजाफा दर्ज किया गया है। यानी उसकी दुनिया भर में सब्सक्राईबर्स संख्या 13 करोड 70 लाख हो चुकी। इसके अलावा अन्य ओटीटी प्लेटफॉर्म जैसे जी5, हॉटस्टार और अमेजन प्राइम के सब्सक्राइबर्स बढे हैं। कई टेलीकॉम कंपनियां अपने रीचार्ज पैक ( recharge pack)के साथ जी5 और अमेजन प्राइम सहित अन्य ओटीटी प्लेटफॉर्म का फ्री सब्सक्रिप्शन में दे रहे हैं।
इमरजेंसी फंड की समझ आई अहमियत
कई लोग अपनी सेविंग्स ( savings) पर बिलकुल ध्यान नहीं देते, उन्हें सेविंग्स या एमरजेंसी फंड की अहमियत ही नहीं होती। लेकिन कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन ने लोगों को एमरजेंसी फंड की अहमियत समझा दी है। लोगों को समझ आ गया है कि एमरजेंसी कभी आ सकती है और इससे निपटने के लिए पैसों की जरुरत पड़ती है।
हेल्दी लाइफस्टाइल लॉकडाउन में
जहां कोरोना का संकट छाया हुआ है। वहीं, एक अच्छी बात भी दिख रही है लोगों की हेल्दी लाइफ़स्टाइल की वजह से वे कम बीमार पड़ रहे हैं। बाहर का फास्ट फूड ( fast food) बंद है। इसकी वजह से और व्यक्तिगत साफ-सफाई रखने की वजह से कई तरह की बीमारियों से लोगों ने खुद को बचा भी लिया है। जीवन शैली में स्वास्थ्य के लिए क्या अच्छा है, क्या बुरा है। यह लोगों की दिनचर्या का हिस्सा भी बन गया है। इसके अलावा स्ट्रीट फूड न मिलने से लोग घर पर ही नाश्ता बना रहे हैं या नाश्ते में फ्रूट्स खा रहे हैं जो उनकी लिए अच्छा है। लॉकडाउन के कारण लोगों को अपने परिवार के साथ समय बिताने का भी मौका मिला है। इससे जो लोग अपने काम से ब्रेक चाह रहे थे उन्हें भी लॉकडाउन से फायदा हुआ है। वे वर्क फ्रॉम home (work from home ) के जरिए काम करने के साथ ही परिवार को भी समय दे पा रहे हैं।
हेल्थ इंश्योरेंस भी जरूरी
कोरोना जैसी बीमारी से निपटने के लिए पैसों की जरूरत पड़ती है, ऐसे में लोगों को समझ आ गया है कि हेल्थ इंश्योरेंस लेने से वो खुद को आर्थिक रूप से सुरक्षित कर पाएंगे और उन्हें सही इलाज सकेगा। यही कारण है कि पिछले कुछ दिनों में हेल्थ इंश्योरेंस लेने वालों की संख्या में 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है।
लॉकडाउन से पहले तक जो लोग हर छोटी-बड़ी चीज के लिए दुकान का रुख कर लेते थे या ऑनलाइन ऑर्डर कर लेते थे, वह अब ये समझ चुके हैं कि कम में भी गुजारा हो सकता है। और करें भी क्या, मजबूरी क्या न करा दे। ऐसे में कम में ही गुजारा हो रहा है इससे लोगों की सेविंग्स भी हो रही हैं।
सैलून-पार्लर बंद होने से हेयर कट की समस्या
लड़के सैलून नहीं जा पा रहे, लड़कियां पार्लर नहीं जा पा रहीं। लड़कों की बात करें तो सब दाढ़ी मूंछ बढ़ाए घूमते दिख जाएंगे। वहीं लड़कियां भी फेसियल, पैडिक्योर, मैनीक्योर और खुद को निखारने के घरेलू नुस्खों को आजमा रही हैं, क्योंकि पार्लर बंद हैं।
प्रदूषण से मिली राहत
देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण में 50 प्रतिशत तक की कमी आई है। देश में वाहनों की आवाजाही बंद है इस कारण सभी जगहों पर प्रदूषण में कमी आई है। इसके अलावा देश के प्रमुख नदियों जैसे गंगा और यमुना में भी प्रदूषण काम हुआ है।
डिजिटल पेमेंट से चीजे हुई आसान
देश मे लॉकडाउन होने के चलते लोग अपने जरूरी कामों के लिए भी घर से निकल नहीं पा रहे हैं। ऐसे में इलेक्ट्रिक, फोन या अन्य बिल भरने के लिए लोग डिजिटल पेमेंट का सहारा ले रहे हैं। कई लोग जिन्हे यूपीआई ऐप का इस्तेमाल करना नहीं आता था उन्होंने भी इसका उपयोग करना शुरू कर दिया है।