मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कोरोना का एक संदिग्ध मरीज मिला है। यह रोगी पक्के महाल के राजमंदिर इलाके का है।

कुछ दिन पहले यह कानपुर से वाराणसी आया था, उसमे कुछ दिनों से कोरोना के लक्षण उभरे थे। जिससे उसके घर व आस पड़ोस के लोगों में भय का माहौल बन गया।

क्षेत्र के कई लोगों ने शिकायत की, किन्तु किसी प्रशासनिक अधिकारी ने इसकी सुधि नही ली, और वह पिछले कई दिनों से क्षेत्र में आम लोगों से मिलता जुलता रहा।

जब यह बात आज क्षेत्र में रहने वाले विक्रम यादव “निक्कू’ ने कई प्रशासनिक अधिकारियों से बात की, दुःख का विषय यह हैं कि, किसी ने सहायता नहीं की । जिनमें कई उच्च अधिकारी भी शामिल हैं, सभी एक दूसरे पर टाल रहे थे। उनका कहना था कि आप उसे अपनी गाड़ी पर बैठा कर राजकीय दीनदयाल अस्पताल ले जायें, अगर हम ऐसा करते तो शायद हमारे अन्दर भी यह वायरस आने की आशंका हो सकतीं है। हमने कई आधिकारिक नम्बरों पर बात की, किन्तु किसी ने सकारात्मक और उचित सहायता नहीं की।

विक्रम ने कहा हम Bhu के पूर्व चिकित्सा अधिक्षक डॉ Vijay Nath Mishra, कोतवाली के राम अवध, चौक थानाध्यक्ष डॉ आशुतोष तिवारी का विशेष धन्यवाद देंगें, जिन्होंने सही मार्गदर्शन कर हमारी सहायता की।
किन्तु विचार करने वाली यह बात हैं कि, आज जहाँ देश के प्रधानमंत्री व राज्य के मुख्यमंत्री लगातार लोगों को जागरूक कर रहें हैं, वही उनके अधिकारियों में ही सही व पूरी जानकारी नहीं हैं, इसीलिए आज इतनी बड़ी लापरवाही हो रही है।

चिंता का विषय यह हैं कि, लगभग 2 से 3 घंटे के वार्तालाप के बाद एम्बुलेंस की सुविधा प्राप्त हुई, और उसे चिकित्सालय भेजवा दिया गया हैं।

जांच के बाद अगर वह कहीं पॉजिटिव निकलता हैं, तो पूरा क्षेत्र सील कर दिये जाने की आशंका हैं, जो कि क्षेत्र के लोगों और सरकारी अधिकारियों की एक बहुत बड़ी लापरवाही होगी।

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