चीन से चले जानलेवा कोरोना वायरस को लेकर पूरा विश्व दहशत में है। अब इसकी भयावहता देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे इंटरनेशनल इमरजेंसी घोषित कर दिया है। दुनिया के कई देशों ने चीन से अपना हवाई संपर्क तोड़ लिया है। चीन सरकार ने भी एडवाइजरी जारी करते हुए कोरोना से प्रभावित किसी भी मरीज के चीन छोड़ने पर रोक लगा दी है। सिर्फ कल 24 घंटे के भीतर वुहान में 1700 कोरोना के केस रजिस्टर्ड किए गए हैं। अभी तक चीन के अलग अलग शहरों में 170 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है जबकि कोरोना से 7 हजार से ज्यादा लोगों प्रभावित बताए जा रहे हैं।
WHO चीफ टेड्रोस ऐडनम ने बताया है कि सबसे बड़ी चिंता ऐसे देशों में वायरस को फैलने से रोकने की है जहां स्वास्थ्य व्यवस्थाएं कमजोर हैं। साथ ही उन्होंने साफ किया कि ऐसा करने से चीन पर अविश्वास जैसा कुछ नहीं है बल्कि कोशिश यह है कि दूसरे ऐसे देश जो इससे उबर नहीं सकते, उनकी मदद की जा सके।
चीन के वुहान में 700 भारतीय छात्र फंसे हैं। 8 दिन से वुहान शहर लॉकडाउन है। इन छात्रों के पास ना खाने को कुछ बचा है और ना ही पीने का पानी है। ऐसे में भारत सरकार इन छात्रों को बचाने के लिए चिंतित है इसलिए आज चीन के वुहान शहर में फंसे 374 भारतीय छात्रों को एयरलिफ्ट किया जाएगा।
आज दो भारतीय प्लेन वुहान जा रहे हैं। बीजिंग में इंडियन एम्बेसी वुहान प्रशासन से लगातार संपर्क में है और तैयारी पूरी कर ली गई है। सभी लोगों को तैयार रहने को कहा गया है लेकिन 374 लोगों में से भारत उन्हें ही आने दिया जाएगा जिनमें कोरोना वायरस का खतरा नहीं है क्योंकि कोरोना से प्रभावित किसी भी शख्स को अभी चीन छोड़ने की इजाजत नहीं है।