कोरोना वायरस का नया स्‍ट्रेन ब्रिटेन के बाद अब दक्षिण अफ्रीका, जपान और भारत में भी पाया गया है। जापान में यह स्‍ट्रेन दक्षिण अफ्रीका से पहुंचा, जबकि भारत में यूके से। हालांकि आपको बता दें कि दक्षिण अफ्रीका में पाया गया स्‍ट्रेन ब्रिटेन के स्‍ट्रेन से थोड़ा अलग है। वहीं विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने चेताया है कि यह महामारी आगे गंभीर हो सकती है।

दक्षिण अफ्रीका में पाए गए कोरोना के नए प्रकार का पहला मामला जापान में सामने आया है। 19 दिसम्बर को एक महिला दक्षिण अफ्रीका से जापान आई थी, वह कोरोना के नए प्रकार (501.V2) से संक्रमित पाई गई है।

जापान की मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस महीने की शुरुआत में कोरोना के नए प्रकार के कुल 6 मामले जापान में सामने आए हैं। जिसके बाद जापान में वायरस के नए प्रकार के कुल 15 नए मामले सामने आए हैं। दक्षिण-अफ्रीका के राष्ट्रपति साइरिल रामाफोसा ने कोरोना के कारण लगाए गए नए प्रतिबंधों की घोषणा की है। इन प्रतिबंधों में मास्क पहनना और कर्फ्यू को बढ़ाना शामिल है।

इस महीने की शुरुआत में यूनाइटेड किंगडम के स्वास्थ्य अधिकारियों ने घोषणा की थी कि देश में कोरोना के एक नए प्रकार का पता लगा है जो अधिक तेजी से फैलता है। जिसके चलते कई देशों ने यूके से आने वाली उड़ानों पर प्रतिबंध भी लगा दिया है।

लोगों को किया जा रहा जागरूक

इन सबके बीच भविष्य में आने वाले खतरों को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। यह उम्मीद विश्व स्वास्थ्य संगठन के अध्यक्ष ‎टेड्रोस एडहानॉम ने जताई है। उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि लोग पहले से अधिक जागरूक हो गए हैं। इसके साथ-साथ एडहानॉम ने उन वैज्ञानिकों की सराहना की है जो इस महामारी को खत्म करने के लिए काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यूके और दक्षिण-अफ्रीका के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर महामारी विज्ञान (एपीडैमियोलॉजिक) और लैबोरेट्री स्टडीज पर मिलकर काम कर रहे हैं जो अगले कदम को निर्धारित करेगा।

गंभीर हो सकती है यह महामारी

विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) के इमरजेंसी चीफ माइकल रियान ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यह महामारी(कोरोनावायरस) बहुत गंभीर हो सकती है। यह पूरे विश्व में बहुत तेजी से फैल गई है और इसने विश्व के हर कोने को प्रभावित किया है. उन्होंने कहा कि यह महामारी तेजी से फैल रही है और लोग इससे मर रहे हैं. हालाँकि अन्य महामारियों के मुकाबले इसकी मृत्यु दर कम है, लेकिन इसके साथ ही हमें भविष्य इससे कुछ बहुत गंभीर के लिए तैयार रहना होगा।

वैक्सीन विकसित करने के स्तर पर तरक्की

विश्व स्वास्थ्य संगठन के वरिष्ठ सलाहकार ब्रूस आइलवार्ड ने चेतावनी दी है कि भले ही कोरोना महामारी के संकट के दौरान वैक्सीन विकसित करने से लेकर विज्ञान के स्तर पर बहुत तरक्की कर ली हो लेकिन भविष्य में आने वाली महामारियों से लड़ने की सक्षमता से हम अभी भी बहुत दूर हैं. हम इस वायरस की दूसरी और तीसरी लहर में हैं लेकिन हम अभी भी इसका सामना करने और इससे निपटने के लिए तैयार नहीं हैं।

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