लक्ष्मी कान्त द्विवेदी
समाचार संपादक
भारत के खिलाफ हर मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ देना अब चीन को भी महंगा पड़ने जा रहा है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, मोदी सरकार पाम ऑयल को मुक्त आयात की सूची से हटा कर प्रतिबंधित आयात की सूची में डालने के बाद अब खिलौनों और टीवी सेट समेत कई इलेक्ट्रॉनिक सामानों के आयात पर भी रोक लगाने पर गंभीरतापूर्वक विचार कर रही है। इससे स्पष्ट है कि, सरकार अब अपनी कूटनीति को बल देने के लिए अपने विशाल बाजार का इस्तेमाल करने से कतई बाज नहीं आ रही है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, इसके कई पहलुओं पर पहले ही विचार-विमर्श किया जा चुका है। यह सारी कवायद पाम ऑयल को मुक्त आयात की सूची से हटा कर प्रतिबंधित आयात की सूची में डालने के बाद से ही की जा रही है। इस बदलाव के बाद पाम ऑयल के आयात के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया है। हालांकि आमतौर पर यही माना जा रहा है कि, भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाने और नागरिकता कानून लागू करने का मुखर विरोध करने और जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण से इनकार करने के कारण मलयेशिया के खिलाफ यह कदम उठाया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि, इसकी एक वजह घरेलू रिफाइनिंग को प्रोत्साहित करना भी है।
उनका कहना है कि, खिलौनों और इलेक्ट्रॉनिक सामानों के आयात पर रोक लगाने की एक वजह घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहन देना भी है। गौरतलब है कि, चीन में बने खिलौनों और टीवी सेट के काफी सस्ते होने के कारण गुणवत्ता की दृष्टि से कहीं अधिक बेहतर होने के बावजूद भारतीय उत्पाद उनके सामने ठहर नहीं पा रहे थे। चीनी खिलौने आने के बाद से ही भारतीय खिलौना उद्योग दम तोड़ता नजर आने लगा था। कमोबेश यही हालत इलेक्ट्रॉनिक सामानों की भी थी। लेकिन अब मोदी सरकार ने एक तीर से दो शिकार करने की ठान ली है। एक तो इसी बहाने वह हर मामलेे में पाकिस्तान का साथ देने वाले देशों को आर्थिक रूप से तगड़ी चोट देने के साथ ही घरेलू उद्योगों को बढ़ावा दे कर अपनी अर्थ-व्यवस्था को मजबूती भी दे सकेगी, जो एक सराहनीय कदम होगा।