नई दिल्ली. कोरोना वायरस महामारी (Lockdown Part 3) के संक्रमण को रोकने के लिए शुरू किए लॉकडाउन को देखते हुए सरकार TDS पर लगने वाले ब्याज पर और रियायत देने पर विचार कर रही है। देरी से TDS जमा करने पर फिलहाल 18 फीसदी ब्याज देने का नियम है। हालांकि सरकार ने मार्च के राहत पैकेज में इसे आधा कर दिया था। साथ ही इस पर लगने वाली पेनल्टी को भी हटाने का ऐलान किया था।लेकिन अब इसे पूरी तरह से हटाने को लेकर लगातार मांग हो रही माँग को देखते हुए इस पर गंभीरता से विचार कर रही है।
सरकार ने पहले ही टीडीएस जमा करने की आखिरी तारीख बढ़ा कर 30 जून कर दी है. साथ ही टीडीएस पर ब्याज की दर को भी 18 फीसदी से घटाकर 9 फीसदी कर दी थी। लेकिन अब सरकार इसे पूरी तरह से माफ करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है।
स्मरणीय है कि TDS पर लगने वाले ब्याज को हटाने के लिए कारोबारियों और सांसदों ने भी चिट्ठी लिखी है। कारोबारियों की दलील है कि लॉकडाउन के चलते कारोबारियों के तमाम पेमेंट जगह जगह अटके है।
कारोबारियों की दलील है कि चार्टर्ड अकाउंटेंट के दफ्तर बंद होने के वजह से टैक्स कैलकुलेट करना मुश्किल हो रहा है। टैक्स कैलकुलेट करने के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट भी नहीं मिल पा रहे हैं.म।
टीडीएस इनकम टैक्स का एक हिस्सा है। इसका मतलब होता है ‘टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स.’ यह इनकम टैक्स को आंकने का एक तरीका हैं। इनकम टैक्स से टीडीएस ज्यादा होने पर रिफंड क्लेम किया जाता है और कम होने पर अडवांस टैक्स या सेल्फ असेसमेंट टैक्स जमा करना होता है।
कंपनी के केस में अगर टैक्सेबल इनकम पर देय टैक्स बुक प्रॅफिट के 15 फीसदी से कम है तो बुक प्रॉफिट को इनकम मानकर 15 फीसदी इनकम टैक्स देना होगा।