भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय का दावा
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सनसनीखेज दावा करते हुए कहा कि ‘शाहीन बाग प्रदर्शन’ कांग्रेस द्वारा प्रायोजित है। मालवीय ने इस बात के समर्थन में एक वीडियो अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है। करीब डेढ़ मिनट के वीडियो में एक युवक अन्य शख्स को समझाते हुए नजर आ रहा है कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ धरना-प्रर्दशन पैसे लेकर किया जा रहा है। प्रदर्शन स्थल पर महिलाएं शिफ्ट में आती हैं और पांच सौ से बारह सौ रुपए तक लेती है। प्रदर्शन स्थल के बाहर जो दुकाने हैं उनका किराया भी नहीं लिया जा रहा है। जो दुकानें हैं उनका किराया एक से डेढ़ लाख रुपए के बीच है।
वीडियो में युवक आगे कहता है, ‘कालिंदी कुंज में जो महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं वो पांच-पांच सौ रुपए ले रही हैं। इन सभी लोगों की शिफ्ट होती है। मतलब लोग पूरे होने चाहिए। जैसे एक हजार लोगों की जरुरत हैं एक हजार लोग वहां होने चाहिए। पांच से महिलाएं प्रदर्शन स्थल से जाएंगी तो दूसरी पांच सौ औरतें वहां आकर बैठ जाएंगी।’ बुधवार (15 जनवरी, 2020) को यही वीडियो शेयर कर अमित मालवीय ने लिखा, ‘सारा खेल कांग्रेस का है।’
उल्लेखनीय है कि सैकड़ों सिख पंजाब से शाहीन बाग पहुंचे हैं और CAA, NRC और NPR के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों में शामिल हो गए। मोगा, बरनाला, लुधियाना, पटियाला, संगरूर जिलों के लगभग 350 सिख किसान यूनियन (एकता) (उग्रा) के बैनर तले धरना स्थल पर पहुंचे। इन लोगों ने धरना स्थल पर लंगर का आयोजन भी किया। प्रदर्शन कर रहे लोगों की प्रमुख मांग है कि सरकार नागरिकता संशोधन कानून को तत्काल प्रभाव से वापस ले, क्योंकि यह संविधान विरोधी है। बता दें कि इस तरह के विरोध-प्रदर्शन उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य राज्यों में भी जारी हैं।
शाहीन बाग के स्थानीय निवासी मोहम्मद नफीस ने बताया कि शाहीन बाग में प्रदर्शन का दौर जारी है और प्रदर्शन में काम करने वाले पेशेवर लोग भी भाग लेते हैं। बुधवार को जेएनयू की छात्र अध्यक्ष आईशी घोष भी प्रदर्शन स्थल पर पहुंची और शाहीन बाग और जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों संग एकजुटता दिखाई। जेएनयू छात्र अध्यक्ष के अलावा दिग्गज कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर भी प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से मिले। कांग्रेस सांसद शशि थरूर भी धरनास्थल पर पहुंचे।