नई दिल्ली । भाजपा पर 16 विधायकों को बंधक बना कर रखने का आरोप लगाते हुए काग्रेस ने आज सुप्रीम कोर्ट मे याचिका दायर कर दी है। गौरतलब है कि भाजपा ने सोमवार को मध्यप्रदेश विधानसभा मे फ्लोर टेस्ट करने की माग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था ।

कांग्रेस ने अपनी इस याचिका में कहा है कि 16 विधायकों की अनुपस्थिति में बहुमत परीक्षण नहीं हो सकता। कांग्रेस पार्टी ने फ्लोर टेस्ट के लिए राज्यपाल के निर्देश पर भी सवाल उठाया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि कमलनाथ सरकार पहले ही सदन में बहुमत खो चुकी है।

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार और कर्नाटक सरकार को आदेश दे कि वो मध्य प्रदेश कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों को 16 विधायकों से मिलने और बात करने की इजाजत दे जो कांग्रेस पार्टी के सदस्य हैं। इस तरह कांग्रेस के 16 विधायकों को बंधक रखना गैरकानूनी, असंवैधानिक है और संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 और कानून के शासन के खिलाफ ह। . 

कांग्रेस ने अदालत से कहा कि 15वीं मध्य प्रदेश विधान सभा के चल रहे बजट सत्र में भाग लेने के लिए विधायकों को सक्षम किया जाए और अनुमति दी जाए। सुप्रीम कोर्ट आदेश जारी करे कि विश्वास मत तभी हो सकता है जब 15वीं मध्य प्रदेश विधानसभा के सभी निर्वाचित विधायक उपस्थित हों। सुप्रीम कोर्ट से आदेश मांगा गया है कि राज्यपाल के निर्देश को अवैध, असंवैधानिक घोषित किया जाए ।

कांग्रेस का कहना है कि अदालत आदेश जारी करे कि यदि कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है और फलस्वरूप उनकी सीटें खाली हो गई हैं, तो विश्वास मत तभी हो सकता है जब उक्त 22 निर्वाचन क्षेत्रों के मतदाताओं का प्रतिनिधित्व हो और ये कानून के अनुसार रिक्त सीटों के लिए उप-चुनाव आयोजित करके हो सकता है।

इससे पहले सोमवार को मध्य प्रदेश में जारी सियासी उठापटक के बीच विधानसभा को कोरोना वायरस की वजह से 26 मार्च तक स्थगित कर दिया गया। फ्लोर टेस्ट की चुनौती झेल रहे सीएम कमलनाथ के लिए यह बड़ी राहत थी क्योंकि उनके 22 विधायक अपना इस्तीफा दे चुके हैं। लेकिन अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर दाखिल याचिका में कहा गया है, गवर्नर ने कहा था कि कि 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट कराया जाए लेकिन विधानसभा अध्यक्ष फ्लोर टेस्ट नहीं करा रहे हैं। शिवराज सिंह चौहान की ओर से सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई कि फ्लोर टेस्ट जल्दी कराया जाए ।

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