मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की 3,54,825 एमएसएमई इकाइयों की पूंजी की जरूरत को पूरा करते हुए ₹10,390 करोड़ का ऋण वितरित किया। इनमें 29,914 नई इकाइयां भी हैं। इन्हें 1,316 करोड़ का ऋण उपलब्ध कराया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि
प्रदेश का कोई भी युवा जो अपना नवीन उद्यम शुरू करना चाहता है, उसे पूंजी की कमी नहीं होने दी जाएगी। प्रत्येक उद्यमी को आवश्यकतानुसार ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है, यह काम आगे भी जारी रहेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को वर्चुअल माध्यम से ऋण वितरण कार्यक्रम में यह बात कही। मुख्यमंत्री के हाथों 08 उद्यमियों को लोन वितरित किया गया, जबकि बाकी को जिलों में जनप्रतिनिधियों द्वारा ऋण दिया गया। मुख्यमंत्री ने लाभार्थियों से वर्चुअल संवाद भी किया। ऋण प्राप्त करने वाले एमएसएमई उद्यमियों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक विकास को गति देने की यूपी सरकार की कोशिश सभी के जीवन में खुशहाली लाने वाली है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन के दौरान 14 मई को जब पहला आर्थिक पैकेज जारी किया, उसके अगले ही दिन यूपी सरकार ने ‘ऑनलाइन स्वरोजगार कार्यक्रम’ अंतर्गत 56,754 नई एमएसएमई इकाइयों को 2002 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराया। यही नहीं इनकी समस्याओं और जिज्ञासाओं के समाधान के लिए एमएसएमई साथी पोर्टल और एप लांच किया।
वहीं 26 जून को जब प्रधानमंत्री ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान’ की शुरुआत की, तब 4,03,646 नई और पुरानी एमएसएमई इकाइयों को 10999 करोड़ का वित्तीय प्रोत्साहन देते हुए ऋण दिलाया गया। यही नहीं, तीसरे चरण में 2,69,291 इकाइयों को 7,841 करोड़ का ऋण दिलाया गया।
आत्मनिर्भर हो रही हमारी एमएसएमई इकाइयां: मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में एमएसएमई इकाइयां आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हैं। हाल ही में 15 इकाइयों ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में अपनी लिस्टिंग कराकर अपने विकास के लिए पूंजी की जरूरतों को पूरा करने का प्रयास किया है। यह अभिनव प्रयास अन्य इकाइयों के लिए प्रेरक भी है।
5,000 शिल्पियों को मिला टूल-किट
मुख्यमंत्री आवास पर कार्यक्रम में एक जनपद-एक उत्पाद योजनाओं से लाभान्वित 5,000 शिल्पियों को हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट, टेक्सटाइल, मेटल शिल्प, खाद्य प्रसंस्करण, पॉटरी आदि से संबंधित निःशुल्क टूल किट प्रदान किया गया।