चंडीगढ़। सियासत खेल रहे पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने रविवार को कहा कि किसान विरोधी कृषि विधेयकों के मुद्दे पर उनकी सरकार भाजपा और शिरोमणि अकाली दल समेत केंद्र में शामिल सहयोगी पार्टियों को अदालत ले जाएगी।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि राष्ट्रपति के इन विधेयकों को मंजूर करने के साथ ही वह अदालत जाएंगे। उन्होंने अपयार्प्त सदस्यों की उपस्थिति में विपक्षी सदस्यों के विरोध के बावजूद संसद में ध्वनिमत से विधेयकों के पारित कराने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि इस पर मतविभाजन क्यों नहीं किया गया जबकि सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में ही इस मामले पर मतभेद हैं।
कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि वह भाजपा और शिअद समेत सरकार में शामिल सहयोगी दलों को इस तरह किसानों के अधिकारों को कुचलने नहीं देंगे। क्योंकि कृषि पंजाब की जीवनरेखा है। उन्होंने कहा, हम किसानों के साथ खड़े हैं और उनके हितों की रक्षा के लिए जो करना पड़ा करेंगे।
राष्ट्रपति बिल पर हस्ताक्षर न करें : सुखबीर सिंह बादल
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने संसद द्वारा पारित कृषि विधेयकों पर राष्ट्रपति से अपनी सहमति नहीं देने और इन्हें पुनर्विचार के लिए संसद को लौटाने का अनुरोध किया। बादल ने कहा कि विधेयकों का पारित होना देश में लोकतंत्र और करोड़ों लोगों के लिए दुखद दिन है। राज्यसभा द्वारा तीन में से दो विधेयकों को पारित किए जाने के शीघ्र बाद शिअद नेता ने एक बयान में कहा, लोकतंत्र का अर्थ है आम सहमति बहुमत में मौजूद लोगों द्वारा दमन नहीं। बादल ने राष्ट्रपति से आग्रह किया, कृपया किसान, किसान मजदूर, मंडी मजदूर और दलितों के साथ खड़े होइए। उन्होंने कहा, अन्नदाता को भूखा ना छोड़ें या बेसहारा न करें, उन्हें सड़कों पर सोने को मजबूर न करें।
जजपा विधायक सिहाग ने दी इस्तीफे की धमकी
हरियाण में भाजपा सरकार के सहयोगी दल जननायक जनता पार्टी (जजपा) में भी कृषि बिल को लेकर विरोध शुरू हो गया है। जजपा के बरवाला से विधायक जोगी राम सिहाग ने कृषि बिल के मुद्दे पर इस्तीफे की धमकी दी।सिहाग सरसौद-बिचपड़ी में रोड जाम करके बैठे किसानों के धरने पर पहुंचे। यहां उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि वे किसानों के साथ हैं और जरूरत पड़ी तो इस्तीफा देने को भी तैयार हैं।
वहीं, जजपा के एक और विधायक राम करण काला ने किसानों के प्रदर्शनों में हिस्सा लिया। उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के आधिकारिक रुख से अलग हटकर यह कदम उठाया। चौटाला ने विपक्षी कांग्रेस पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि वह किसानों को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा, नए कृषि सुधारों में कहीं भी एमएसपी को खत्म करने की बात नहीं कही गई है।