लॉकडाउन का दूसरा चरण 3 मई को खत्म हो रहा है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना के मौजूदा हालात की समीक्षा की।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए यह चर्चा करीब तीन घंटे चली। समय की कमी से सिर्फ नौ मुख्यमंत्री ही बात कर पाए। इनमे से चार सीएम लॉक डाउन (lock down ) बढ़ाने के पक्ष में थे। हालांकि सभी आर्थिक गतिविधियों में कुछ ढील देने की मांग करते दिखे।

यह भी अहम है कि केंद्र इस पर फैसला तीन मई के पहले लेगा। अभी कोई निर्णय नहीं होना है। पीएम ने संकेत दिया है कि लॉक डाउन चरणों में खुलेगा। राज्यों ने भी अंतिम फैसला मोदी पर ही छोड़ दिया है। पीएम ने राज्यों से अपने हिसाब से नीतियां बनाने को कहा है। रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन बनाने का निर्देश दिया है।
दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, एमपी, राजस्थान के सीएम भी लॉक डाउन बढ़ाने के पक्षधर थे।

ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने कहा कि लॉक डाउन एक माह तक बढ़े जबकि बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने छात्रों का मामला उठाते हुए इसमे एकरूपता की मांग की।

मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा का कहना है कि वे अपने राज्य में लॉकडाउन 3 मई के बाद भी जारी रखना चाहते हैं। हालांकि, ग्रीन जोन ( green zone) वाले इलाकों में कुछ छूट दी जाएगी।

केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल नहीं हुए। उनकी तरफ से राज्य के मुख्य सचिव शामिल हुए।

उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि पर्यटन और तीर्थयात्री लॉकडाउन से बहुत प्रभावित हुए हैं। पीएम (pm)के हस्तक्षेप से हम जल्द ही अपने उद्योग और अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित कर पाएंगे। सभी एहतियाती उपायों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ, व्यापार और व्यापार गतिविधियां चरण-वार तरीके से शुरू होनी चाहिए।

मिजोरम के मुख्यमंत्री ने इस बारे में बात की कि लॉकडाउन के बाद केंद्र के निर्देशों का किस तरह पालन होगा।

पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने राज्य के स्वास्थ्य संबंधी योद्धाओं के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (ppe) और अन्य चिकित्सा उपकरण प्रदान करने के लिए केंद्र के हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने तीन मई को लॉकडाउन खत्म होने पर उद्योग शुरू करने की इच्छा व्यक्त की और कोविद -19 से लड़ने के लिए भारत सरकार से वित्तीय सहायता मांगी।

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