लखनऊ । यूपी चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्या ने सामने आरपीएन सिंह को देख कर अपनी परंपरागत कुशीनगर की पडरौना सीट छोड़ दी है। उन्होंने इस बार कुशीनगर की फाजिलनगर सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। राजनीति के जानकारों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी के ‘आरपीएन सिंह दांव’ की वजह से उन्हें पडरौना सीट बदलनी पड़ी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह के भाजपा में शामिल होने के बाद से ही स्वामी प्रसाद के सीट बदलने की संभावनाएं जताई जा रही थी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री रतनजीत प्रताप नारायण सिंह यानी आरपीएन सिंह के कांग्रेस से इस्तीफा देने और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने के पीछे की सबसे बड़ी वजह स्वामी प्रसाद मौर्या को बताया जा रहा है। स्वामी प्रसाद मौर्या और और आरपीएन सिंह कुशीनगर की राजनीति के दो अलग-अलग ध्रुव हैं और दोनों के बीच राजनीतिक नूराकुश्ती 2009 से चल रही है। भाजपा छोड़ सपा में जाने वाले पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने लगातार तीन बार जीत दिलाने वाली पडरौना सीट छोड़कर फाजिलनगर विधानसभा सीट से चुनावी ताल ठोकी है।
वर्ष 2008 में जिले में राजनीतिक कदम रखने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य बहुजन समाज पार्टी से 2009 में लोकसभा चुनाव में उतरे तो उनको उस समय पडरौना से विधायक रहे कांग्रेस के आरपीएन सिंह के हाथों हार मिली थी। पडरौना सीट खाली होने पर उप चुनाव में मौर्य पुन: पडरौना विधानसभा चुनाव में बसपा उम्मीदवार के रूप में उतरे और आरपीएन सिंह की माता कुंवरानी मोहिनी देवी को हराकर विधायक बने। बसपा से ही उन्होंने 2012 मे ही इस सीट से जीत दर्ज की। 2017 में भाजपा में शामिल हुए और चुनाव लड़कर जीत की हैट्रिक लगाई। इसी बीच आरपीएन सिंह भाजपा में आ गए तो पडरौना सीट से उनके चुनाव लड़ने को लेकर अटकलें शुरू हो गईं तब स्वामी ने कहा था कि पडरौना उनकी प्राथमिकता में है।
आरपीएन सिंह पडरौना सीट से 1996, 2002 और 2007 में विधायक रहे हैं। कुर्मी-सैंथवार जाति से आने वाले आरपीएन सिंह को राजा साहेब के नाम से भी यहां पुकारा जाता है। पडरौना में कुर्मी वोटों की संख्या काफी है और अपने इलाके के सजातीय वोटों पर उनकी खासी पकड़ मानी जाती है। पहले से ही संभावनाएं जताई जा रही हैं कि पडरौना से भाजपा आरपीएन सिंह को टिकट देकर स्वामी प्रसाद मौर्या की मुश्किलें बढ़ा सकती है। पडरौना से भाजपा उम्मीदवार की घोषणा से पहले ही स्वामी प्रसाद के सीट बदल लिया। अब देखना यह दिलचस्प होगा कि भाजपा आरपीएन को विधानसभा चुनाव लड़वाती है या उन्हें राज्यसभा भेजा जाएगा।
स्वामी प्रसाद अब समाजवादी के टिकट से कुशीनगर की फाजिलनगर सीट से भाग्य आजमाएंगे। हालांकि उनके लिए यह लड़ाई भी आसान नहीं होगी। इस सीट से अभी तक भाजपा का दबदबा रहा है। फाजिलनगर विधानसभा से सीट से भाजपा ने 2012 और 2017 में जीते गंगा सिंह कुशवाहा के बेटे सुरेन्द्र सिंह कुशवाहा को टिकट दिया है। गंगा सिंह कुशवाहा जनसंघ के जमाने से ही आरएसएस के करीब रहे। यह विधानसभा कुशवाहा बाहुल्य के रूप में जाने जानी जाती है। 2012 के चुनाव में भाजपा के टिकट पर गंगा सिंह कुशवाहा जीते थे और इसके बाद 2017 में दोबारा विधानसभा पंहुचे