गलवान घाटी में भारतीय इलाके में चीन की सेना की ओर से सर्विलांस पोस्ट स्थापित करने की साजिश सोमवार रात को माहौल बिगाड़ने का कारण बनी थी। देखते-देखते टकराव हिंसक संघर्ष में बदल गया और दोनों ओर से कई सैनिकों की जान चली गई। मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि एलएसी के पास भारतीय सीमा में पोस्ट बनाने की जानकारी मिलते ही निहत्थी कर्नल बी संतोष बाबू के नेतृत्व में भारतीय सैन्य टुकड़ी ने वहां पहुंचकर विरोध किया।
उपकरणों से लैस होकर पहुंचे चीनी
भारतीय सैनिक शांत थे लेकिन चीनी सैनिकों के आक्रामक रवैये ने हालात बिगाड़ दिया। शुरुआत में भारतीय सैनिकों की आपत्ति पर चीनी सैनिकों की छोटी टुकड़ी वहां से पीछे चली गई थी लेकिन थोड़ी देर में सुरक्षा उपकरण पहने हुए और पत्थरों से लैस चीनी सैनिक बड़ी संख्या में वापस आ गए। वापस आते ही उन्होंने निहत्थे भारतीय सैनिकों पर पत्थर, लोहे की रॉड और कंटीले तारों से हमला करना शुरू कर दिया।
छह से सात घंटे तक चली थी झड़प
यहां करीब 120 भारतीय सैनिकों को चीन की सेना ने चालबाजी से घेर लिया था। संख्या के हिसाब से चीनी सैनिक पांच गुना थे। हालात भांपते ही भारतीय सैनिकों ने मुंहतोड़ जवाब दिया। यह टकराव करीब छह से सात घंटे चला था। बताया जा रहा है कि चीन की सेना ने हमले से पहले ड्रोन की मदद से थर्मल इमेजिंग करते हुए भारतीय सैनिकों की उपस्थिति का पता लगाया था।
संघर्ष में घायल हुए हैं 18 जवान
चीनी सेना से हुई हिंसक झड़प में भारत के 18 जवान घायल हुए हैं। सूत्रों का कहना है कि इनमें से चार सैनिक गंभीर रूप से घायल हैं। हालांकि इलाज के बाद इनकी हालत भी स्थिर बताई जा रही है। 58 सैनिकों के मामूली चोटिल होने की बात भी सामने आई है। हालांकि ये सभी सैनिक जल्द ही अपनी टुकडि़यों के साथ तैनाती के लिए तैयार होंगे।