मध्यप्रदेश में बालाघाट स्थित भरवेली मॉयल लिमिटेड में अंडरग्राउंड मायनिंग का ठेका लेकर काम कर रही चीन की कंपनी चायना कोल नंबर 03 ने कोरना के चलते घोषित लाकडाउन में 22 मार्च के बाद काम बंद कर दिया था। जिसके बाद उसने अनलॉक का दौर शुरू होने पर काम शुरू किया तो उसने कार्यरत भारतीय मजदूरों से काम लेना बंद कर दिया जिसे लेकर मजदूरों ने मॉयल प्रबंधन के साथ कलेक्टर को भी ज्ञापन सौंपा था बावजूद इसके कंपनी ने भारतीय मजदूरों को काम पर नहीं लिया है जिसके चलते भरवेली मॉयल ने अब चीन की कंपनी को ही काम से बाहर कर दिया है।

265 करोड़ में लिया था ठेका, 100 करोड़ का किया काम

चीन की चायना कोल 03 कंपनी ने भरवेली मॉयल में अंडरग्राउड मायनिंग का कार्य करने के लिए 265 करोड़ में ठेका लिया था और लॉकडाउन लगने तक उसने 100 करोड़ का काम भी कर लिया था। लेकिन लॉकडाउन लगने के बाद जहां कंपनी ने काम बंद कर दिया वहीं जब काम शुरू किया तो उसने भारतीय मजदूरों को ही काम से निकाल दिया। हालांकि भारतीय मजदूरों को काम पर वापस लिए जाने के लिए मॉयल प्रबंधन द्वारा लिए फैसले से मॉयल को भी नुकसान उठाने का अंदेशा बढ़ गया है कारण कंपनी का काम बंद कराने से मॉयल का कारोबार भी प्रभावित हुआ हैं।

काम शुरू किया पर रफ्तार कर दी धीमी

मॉयल में चीन की चायना कोल कंपनी लॉकडाउन लगने के पहले तीन शिफ्ट में काम कर रही थी। जिसमें 37 चायनीज वर्कर के साथ ही करीब 107 भारतीय मजदूर अंडरग्राउंड मायनिंग का काम कर रहे थे। लेकिन 31 मई को लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद चीन की कंपनी ने काम तो शुरू किया लेकिन इसकी रफ्तार धीमी कर दी और एक ही शिफ्ट में उसने काम शुरू किया जिसमें चीन के 37 मजदूरों को ही शामिल किया और भारतीय मजदूरों से काम लेना बंद कर दिया।

 मानदेय देने और काम पर वापस लेने मजदूरों ने शुरू किया प्रदर्शन

इस दौरान चीन मजदूरों ने भी भारतीय मजदूरों के साथ काम करने से इंकार किया जिसके चलते ही ये समस्या और भी गंभीर हो गई। इसके बाद से ही इस मामले ने तूल पकड़ लिया और मजदूरों ने भी मानदेय देने और काम पर वापस लेने की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया था।

मिली जानकारी के अनुसार चायनीज हर छह माह में अपने देश वापस चले जाते है और मार्च-अप्रैल माह में ये लोग वापस जाने वाले थे। लेकिन कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन के दौरान जहां चीन ने काम बंद होने के डर से मजदूरों का रजिस्ट्रेशन ही नहीं कराया जिसके चलते ये मजदूर वापस नहीं जा पाए और नाराज मजदूरों ने अपने ही देश के खिलाफ अंदर ही अंदर हड़ताल शुरू कर इतना ही नहीं उन्होंने मॉयल में भी काम करना बंद कर दिया था।

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