लंदन | ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि चीन ने चीन-ब्रिटेन समझौते का स्पष्ट और गंभीर उल्लंघन किया है जिसके तहत हांगकांग को चीनी प्रशासन को सौंपा गया था। इसके साथ ही उन्होंने पुष्टि की कि हांगकांग के ब्रिटिश नागरिक (विदेश) या बीएनओ पासपोर्ट धारकों को अब देश की नागरिकता देने की पेशकश की जाएगी।
ब्रिटिश संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमन्स में प्रश्नकाल के दौरान जॉनसन ने कहा कि चीन का नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून क्षेत्र के अधिकारों और स्वतंत्रता पर खतरा है और यह हांगकांग के मौलिक कानूनों के विपरीत है। उन्होंने सांसदों से कहा, ”हम नियमों और प्रतिबद्धताओं के साथ खड़े हैं और हम मानते हैं कि यह हमारे अंतरराष्ट्रीय संबंधों का आधार है। इस राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लागू करना और लादना स्पष्ट रूप से चीन-ब्रिटेन संयुक्त घोषणा पत्र का गंभीर उल्लंघन है। यह हांगकांग को मिली वृहद स्वयात्तता का उल्लंघन करता है और हांगकांग के मूल कानूनों के खिलाफ है।”
जॉनसन ने कहा, ”यह कानून संयुक्त घोषणापत्र में सुरक्षित की गई आजादी और अधिकारों के लिए भी खतरा है। हम स्पष्ट करते हैं कि अगर चीन इसी रास्ते पर चलता रहा है तो हम बीएनओ दर्जा रखने वाले लोगों के ब्रिटेन में दाखिल होने के लिए नया रास्ता बनाएंगे। उन्हें ब्रिटेन में रहने और काम करने और उसके बाद नागरिकता के लिए आवेदन करने की छूट देंगे और यह वह काम है जो अब हम करेंगे।”
उन्होंने कहा कि ब्रिटेन हांगकांग में रह रहे करीब 3,50,000 विदेशों में रह रहे ब्रिटिश नागरिक (बीएनओ) पासपोर्ट धारकों को ब्रिटेन में आने की राह आसान करने को प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही करीब 26 लाख अन्य लोग भी बीएनओ दर्जे के योग्य हैं। मौजूदा नियमों के तहत उन्हें ब्रिटेन में छह महीने के लिए बिना वीजा दाखिल होने का अधिकार है, लेकिन नई प्रणाली के तहत इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है।
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमनिक राक ने जॉनसन की टिप्पणी का समर्थन करते हुए कहा चीन का कानून चीन-ब्रिटेन समझौते में अधिकारों की दी गई गांरटी पर चोट करता है। उन्होंने कहा, ”हम सीमित अवकाश के साथ पांच साल के लिए बीएनओ दर्जा देंगे जिसमें पढ़ाई करने और काम करने का अधिकार होगा। इस पांच साल की अवधि के बाद वे स्थाई निवास के लिए आवेदन कर सकेंगे और अगले 12 महीनों में स्थाई निवास दर्जे के बाद वे नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे।”
राब ने कहा, ”यह विशेष व्यवस्था विशेष परिस्थितियों के मद्देनजर की गई है जिसका सामना हम हांगकांग के लोगों से किए गए हमारे ऐतिहासिक वादे की वजह से उत्पन्न हुआ है।” उन्होंने कहा कि विस्तृत वीजा नियम संसद में गृहमंत्री प्रीति पटेल द्वारा रखा जाएगा। पटेल ने कहा, ”चीन द्वारा हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करना बहुत ही खेदजनक है।” उन्होंने कहा, ”अब चीन ने यह कानून लागू कर दिया है और हम नया आव्रजन नियम बीएनओ और उनके परिवारों के लिए लाएंगे। ब्रिटेन की हांगकांग के लोगों के प्रति ऐतिहासिक और नैतिक जिम्मेदारी है और हम अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करेंगे।”
विपक्षी लेबर पार्टी के विदेश मामलों की प्रभारी लीस नैंडी ने चीन के स्तब्ध करने वाले कदम के बाद ब्रिटिश सरकार द्वारा लिए फैसले का स्वागत किया। हालांकि, उन्होंने जोर दिया कि हांगकांग के बीएनओ धारकों को नागरिकता देने का नया नियम समान रूप से लागू किया जाना चाहिए न कि केवल अमीर लोगों को केवल फायदा देने के लिए।
आलोचकों का कहना है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा अनुमोदित और प्रभावी कानून के साथ ‘एक देश दो विधान’ का सिद्धांत समाप्त हो गया है जिसपर ब्रिटेश और चीन ने 1985 के समझौते में सहमति जताई थी और यह कानूनी रूप से बाध्यकारी है। समझौते के तहत चीन को हांगकांग के कुछ अधिकारों को अगले 50 साल तक बनाए रखना था। चीन ने आलोचनाओं को खारिज करते हुए कहा कि यह उसका आंतरिक मामला है।