चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच के अनुरोध को खारिज कर दिया है। चीन ने आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि वायरस प्रयोगशाला से लीक हुआ, ऐसे कोई सबूत नहीं हैं। यह सामान्य ज्ञान की अवहेलना करना है। वायरस के पैथोजन जानवर में उत्पन्न हुए, जो आम जनता में होस्ट के माध्यम से पहुंचा।

शीर्ष चीनी विज्ञान अधिकारियों के एक समूह ने गुरुवार को बीजिंग में डब्ल्यूएचओ की एक पूर्व रिपोर्ट की प्रशंसा की जिसमें मुख्य रूप से स्रोत होने का जानवरों की ओर इशारा किया गया था। महामारी विज्ञान विशेषज्ञ, लियांग वानियन ने कहा कि वुहान प्रयोगशाला में कभी वायरस नहीं था।

बता दें कि इन्होंने डब्ल्यूएचओ के साथ काम करने वाले चीनी विशेषज्ञों की टीम का नेतृत्व किया था। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने 2020 के चुनाव से पहले, लैब में वायरस निर्माण की संभावना जताई थी पर उनके विरोधियों ने जांच को साजिश करार देकर खारिज कर दिया था।

जांच में वैज्ञानिकों ने वैश्विक स्तर पर उत्पत्ति स्रोत तक पहुंचने के लिए चीन की अनिच्छा पर सवाल उठाया है। कुछ वायरोलॉजिस्टों के बीच वायरस को मजबूत बनाने के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसके साथ ही कुछ विश्व नेताओं को भी इसकी गहन जांच करने के लिए बुलाया गया।

चीन ने खारिज की लैब में वायरस की थ्योरी

वहीं चीन ने लगातार प्रयोगशाला में वायरस उत्पत्ति की परिकल्पना खारिज की है। अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि यदि चीन के सिद्धांत जांच में रुकावट पैदा करते हैं तो बीजिंग मूल जांच का हिस्सा नहीं रहेगा। चीन ने कहा, हमें प्रयोगशाला जांच में अधिक संसाधन लगाने की जरूरत नहीं है।

डब्ल्यूएचओ और अन्य लोगों के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की उच्च-स्तरीय प्रयोगशाला की जांच करने के लिए चीन का यह अब तक का सबसे सीधा प्रहार था। बता दें कि वुहान लैब चमगादड़ से पैदा होने वाले पैथोजन और अन्य कोरोना वायरस पर होने वाले अध्ययन के घर जैसी थी।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के उप मंत्री जेंग यिक्सिन ने कहा, ‘मूल अध्ययन के दूसरे चरण की योजना में ऐसी भाषा शामिल है जो विज्ञान या सामान्य ज्ञान का सम्मान नहीं करती है। हम ऐसी योजना का पालन नहीं करेंगे। डब्ल्यूएचओ की यह योजना विज्ञान के खिलाफ अहंकार को प्रदर्शित करती है।’

बाइडन के निर्देश ने बढ़ाया था चीन पर संदेह

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने मई में कहा था कि खुफिया विभाग इस बात पर विभाजित था कि क्या यह वायरस जानवरों के साथ मानव संपर्क से, या एक प्रयोगशाला दुर्घटना से उभरा है। उन्होंने अपने प्रयासों को दोगुना करने और अगस्त के अंत तक वापस रिपोर्ट करने का आदेश दिया है।

इस निर्देश ने संदेह को फिर से बढ़ा दिया कि वायरस वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की जांच में बच गया होगा, जहां शोधकर्ताओं को अन्य कोरोना वायरस का अध्ययन करने के लिए जाना जाता है।

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