स्पीकर को इस यात्रा की भारी कीमत चुकाने की धमकी भी दी
बीजिंग ( एजेंसी)। चेक गणराज्य की संसद सीनेट के स्पीकर की ताइवान यात्रा से चीन तिलमिला गया है। तीखी प्रतिक्रिया में इसे चीन की वन चाइना पॉलिसी का उल्लंघन करार दिया है। चीन के विदेश मंत्री वांग ई ने कहा है कि सीनेट स्पीकर मिलोस विस्ट्रसिल को अपनी यात्रा की भारी कीमत चुकानी होगी। वांग इस समय जर्मनी में हैं। मिलोस रविवार को ताइवान की राजधानी ताइपे पहुंचे हैं। अगस्त में ही अमेरिका ने स्वास्थ्य मंत्री ने ताइवान का दौरा किया था जिससे चीन बौखला गया था। चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है।
भारी कीमत झुकाने जैसी धमकी देना अदूरदर्शी व्यवहार
ताइवान के साथ कारोबारी रिश्ते बढ़ाने के उद्देश्य से ताइपे पहुंचे मिलोस ने कहा है कि उनका देश चीन की आपत्तियों के आगे नहीं झुकेगा। ताइवान के साथ वह वैसे ही संबंध रखेगा, जैसे एक राष्ट्र को दूसरे राष्ट्र को रखने चाहिए। भारी कीमत झुकाने जैसी धमकी देना अदूरदर्शी व्यवहार को प्रदर्शित करता है। यह असहमति जताने वालों को डराने वाला प्रयास है। लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। वांग का बयान चेक गणराज्य के अंदरूनी मामलों में दखल है। उनके ताइवान के दौरे का आशय किसी तरह का राजनीतिक टकराव नहीं है। सोमवार को ताइपे यूनिवर्सिटी में आयोजित कार्यक्रम में मिलोस ने कहा, चेक और ताइवान स्वतंत्र देश हैं और हमारे बीच अच्छे रिश्ते होने चाहिए। उन्होंने ताइवान की लोकतांत्रिक जीवनशैली की प्रशंसा की। इस मौके पर ताइवान के वित्त मंत्री वांग मी हुआ ने कहा, चेक गणराज्य और ताइवान स्वतंत्र और लोकतांत्रिक देश हैं। हमारे पास मानवाधिकारों का पालन करने का शानदार इतिहास है।
मिलोस की यात्रा के समर्थन में नहीं है सरकार
उधर प्राग में चेक गणराज्य के विदेश मंत्री टॉमस पेट्रिसेक ने स्पष्ट किया है कि सरकार मिलोस की यात्रा के समर्थन में नहीं है लेकिन चीन ने जैसी आपत्तिजनक प्रतिक्रिया व्यक्त की है उसके लिए चीन के राजदूत को तलब कर पूछा जाएगा कि भारी कीमत का आशय क्या है। पेट्रिसेक ने कहा, विदेश मंत्री वांग का बयान बोलने की सीमारेखा को पार करने वाला है। इस तरह के कड़े शब्द संप्रभु राष्ट्रों के बीच नहीं बोले जाते। भावनाओं के बगैर कूटनीति नहीं चलती।