नई दिल्ली। तिलमिलाए चीन ने 29-30 अगस्त को भारतीय सेना की कार्रवाई के बाद बड़े पैमाने पर सेना जमा करना शुरू कर दिया है। उसने अपनी तीन बटालियन तैनात कर दी है। गत सात सितंबर को चुशूल के मुखपरी इलाके में चीनी सेना की घुसपैठ को भारतीय सेना ने नाकाम जरूर लेकिन आने वाले दिनों में चीन की तरफ से ऐसी और कार्रवाइयों के अंदेशे से इनकार नहीं किया जा सकता।
चीन ने 1 सितंबर को रेचिन ला के पास पीएलए ग्राउंड फोर्स की एक बटालियन को तैनात किया है। स्पांगुर झील के पास चीन ने दो बटालियन तैनात किए हैं।ये सभी शिकवाने में मौजूद 62 कंबाइंड आर्म्स ब्रिगेड का हिस्सा हैं।
स्मरणीय है कि रेचिन ला और रेजाग ला पर 29-30 अगस्त को भारतीय सेना ने कब्जा कर लिया था। यहां से चीन की मोल्दो छावनी पर भारतीय सेना नजर भी रख सकती है। चीन का इरादा यहां की रणनैतिक महत्व की इन चोटियों पर दोबारा कब्जा करना है।
चीन ने लद्दाख में दो मोटराइज्ड डिवीजन तैनात किए हैं। 4 मोटराइज्ड डिवीजन चुशूल के सामने और 6वीं मोटराइज्ड डिवीजन पेंगोंग के पश्चिमी किनारे से लेकर दौलत बेग ओल्डी तक फैली हुई है। इसके अलावा 4 मोटराइज्ड डिवीजन के टैंकों के दस्तों ने स्पांगुर गैप के आस-पास मोर्चा संभाला है।
भारतीय सेना ने मिरर डिप्लॉयमेंट करते हुए अपने टैंकों और बख्तरबंद गाड़ियों को भी एलएसी के आस-पास उन सभी जगहों पर तैनात कर दिया है, जहां से चीन की तरफ से किसी बड़े हमले की संभावना है।
इस इलाके में चौड़े मैदान हैं, जो टैंकों और बख्तरबंद गाड़ियों की कार्रवाई के लिए अच्छे हैं।इसलिए यहां से दोनों ही देशों की सेनाएं बड़े हमले कर सकती हैं।