ऐसे कहते हैं आप मियां फ़ज़ीहत, दूसरे को नसीहत। चीन से कोरोना वायरस की शुरुआत हुई! पिछले साल दिसंबर से हर किसी की जुबां पर यही शब्द है कि खतरनाक कोरोना वायरस चीन से फैला और इसका केंद्र हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान है। हालांकि चीन का कहना है कि कोरोना उसकी धरती पर पैदा नहीं हुआ। ऐसे में सवाल यह है कि दुनियाभर के 70 से ज्यादा देशों में पांव पसार चुके कोरोना की शुरुआत आखिर कहां से हुई? आपको बता दें कि चीन में कोरोना का पहला मामला सामने आया था इसलिए यह मान लिया गया कि वुहान के सी-फूड मार्केट से ही कोरोना की उत्पत्ति हुई।

अब चीन अलग बात कह रहा है। उसका दावा है कि अभी तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे यह कहा जा सके कि चीन से ही कोरोना की शुरुआत हुई। आपको बता दें कि कुछ मीडिया रिपोर्टों में कहा गया था कि चीन दुनिया से कोरोना के बारे में सच्चाई छिपा रहा है।

शुरुआत में उसने वायरस के प्रकोप को छिपाया, जिसका नतीजा यह हुआ कि बाद में यह बेकाबू हो गया और चीन में ही 3200 से ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी | चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि मीडिया का एक तबका कहता है कि कोरोना वायरस चीन से फैला है, यह बेहद गैरजिम्मेदाराना है। हम इसका कड़ा विरोध करते हैं। हम वायरस के ओरिजिन का पता लगा रहे हैं और अभी तक इससे जुड़ी कोई जानकारी सामने नहीं आई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि कोरोना वायरस एक वैश्विक स्वास्थ्य आपदा है जिसके ओरिजिन का अभी पता नहीं लगा है। अभी हमें इस बात पर ध्यान देना है कि कोरोना से कैसे निपटा जाए। WHO ने इसे कोविड-19 नाम दिया ताकि किसी भी देश या क्षेत्र से इसका संबंध न जोड़ा जाए। कोविड-19 का पहला केस चीन में जरूर मिला, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि इसकी शुरुआत चीन से हुई।’

चीनी डॉक्टरों ने दिए भारतीयों को सुझाव

गौर करने वाली बात है कि कोरोना वायरस से अब तक 3,200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में भी अब यह वायरस दस्तक दे चुका है और अब तक 28 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। अब खबर है कि वुहान में कोरोना के मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बुधवार को भारतीय डॉक्टरों को इस बीमारी के इलाज से जुड़े महत्वपूर्ण टिप्स दिए। कोरोना से निपटने के प्लान, मेडिकल स्टाफ को ट्रेनिंग और लोगों को मास्क पहनने व हाथ धोने के लिए शिक्षित करने जैसी चीजों के बारे में चीनी डॉक्टरों ने जानकारी साझा की।

हुबेई और इसकी राजधानी वुहान में पिछले 2 महीने से कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने विदेशी और घरेलू मीडिया से पहली बार एक ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए वुहान से बात की। हालांकि, चीन में अब कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या में कमी आ रही है लेकिन मंगलवाल को 38 नए मामले भी सामने आए।

दुनिया के दूसरे देशों में कोरोना वायरस तेजी से पांव पसार रहा है। मंगलवार तक चीन में वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 80,270 पार कर गई। चीन के नैशनल हेल्थ कमीशन ने इस बात की जानकारी बुधवार को दी। भारत में कोरोना से 28 संक्रमित लोगों का पता चला है। इनमें से एक शख्स राजधानी दिल्ली का है। इसके अलावा इस शख्स के 6 रिश्तेदार आगरा में, 16 इतालवी नागरिक और उनका ड्राइवर व तेलंगाना में एक व्यक्ति कोरोना की चपेट में आ गए। इससे पहले केरल में 3 मामले सामने आए थे, जो बाद में ठीक हो गए।

पर्याप्त मेडिकल स्टाफ पहली जरूरत

भारतीय डॉक्टरों को कोविड-19 से निपटने के लिए सलाह देने पर पेकिंग यूनिवर्सिटी थर्ड हॉस्पिटल की क्याओ जी ने कहा, ‘चीन और भारत एशिया के दो सबसे महत्वपूर्ण देश हैं। दोनों देशों में बड़ी आबादी, संयुक्त परिवार और समान मेडिकल सिस्टम जैसी कुछ समानताए हैं।’ क्याओ ने कहा, ‘सबसे पहली जरूरत संक्रमण के इलाज के लिए पर्याप्त मेडिकल स्टाफ का होना है।’

उन्होंने कहा कि मेडिकल स्टाफ को कोविड-19 के कम और ज्यादा संक्रमित मामलों के लिए प्रशिक्षित करना, किसी दूसरी ट्रेनिंग की तरह ही जरूरी है। इस ट्रेनिंग में यह शामिल होना चाहिए कि प्रोटेक्टिव सूट पहनने और उतारने के दौरान किस तरह सुरक्षित रहें। किसी भी तरह के उपकरण को इस्तेमाल करने के लिए उनको तैयार करें।

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