ताइपे (एजेंसी )। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने चीन के नापाक इरादों को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में चेतावनी देते हुए बताया गया है कि, ड्रैगन सैन्य अभ्यास के बहाने देश के आसपास अपनी सेना को तैनात कर सकता है। साथ ही आशंका जाहिर की गई है कि, सैन्य अभ्यास के बहाने सैनिकों का इस्तेमाल वास्तविक हमले के लिए भी किया जा सकता है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, चीन अपने पूर्वी और दक्षिणी तटों पर सेना तैनात कर सकता है। साथ ही यह भी बताया गया है कि बीजिंग पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में ताइवान को घेरने के इरादे से युद्धपोत को भी उतार सकता है।

ताइवान पर हमला आसान नहीं

रिपोर्ट में आशंका जाहिर की गई है कि, चीन अपने लैंडिंग आपरेशन के तहत देश पर मिसाइलें दाग कर हमला कर सकता है। ताकि कम नुकसान के साथ ताइवान पर कब्जा जमा सके। हालांकि, रिपोर्ट में साफ किया गया है कि चीन को ताइवान तक सेना पहुंचाने और आपूर्ति के लिए खासा मशक्कत करनी पड़ेगी। क्योंकि उसकी परिवहन क्षमता अभी भी सीमित है। वहीं, देश की निगरानी संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान द्वारा की जा रही है। जिसके चलते मौजूदा वक्त में चीन की सेना के लिए ताइवान पर संसाधनों को लेकर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल है। साथ ही भारत और वियतनाम के साथ चल रहा देश का विवाद एक और बाधा है।

शस्त्रागार मजबूत करने पर जोर

गौरतलब है कि, यह रिपोर्ट ऐसे वक्त में आई है जब ताइवान के रक्षा अधिकारियों ने लंबी दूरी की मिसाइलों के बड़े पैमाने पर उत्पादन और उनकी निवारक क्षमताओं में सुधार के लिए एक अतिरिक्त बजट की मांग रखी है। बीते दिनों देश के रक्षा मंत्री चिउ कुओ-चेंग ने अपने एक बयान में कहा था कि 2025 तक ताइवान, चीन पर हमला करने के लिए पूरी तरह से सक्षम होगा। आपको बतादें, निकारागुआ ने हाल ही में ताइवान के साथ संबंध तोड़ लिए थे और चीन के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए थे।

चीन के आक्रामक तेवर

दरअसल, बीजिंग ताइवान पर पूरी तरह से अपने नियंत्रण का दावा करता है। वहीं, दूसरी ओर ताइपे ने अमेरिका के साथ रणनीतिक संबंधों को बढ़ाकर चीन को खुली चुनौती दी है। बीजिंग लगातार अमेरिका के साथ बढ़ती नजदीकियों का विरोध करता है, चीन ने चेताया है कि “ताइवान की आजादी” का मतलब युद्ध है।

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