कोरोना वायरस महामारी दैविक आपदा नहीं

डाक्टर रजनीकांत दत्ता
पूर्व कांग्रेसी विधायक शहर दक्षिणी
वाराणसी ( यू पी )

Covid-19 महामारी दैविक आपदा न होकर यह चीन द्वारा अपने प्रतिस्पर्धी देशों पर किया गया बिना किसी पूर्ण चेतावनी के अकस्मात वायरल बायोलॉजिकल हमला है। जिसमें वह बिना फौज भेजें, बिना युद्ध किए जीतने की रणनीति बना चुका है। इसके पीछे उसकी वह महत्वाकांक्षा की हवस है जिसके तहत वह विश्व का सबसे शक्तिशाली राष्ट्र बनने के साथ ही पूरी दुनिया को अपने अरदब में रखना चाहता है।

अभी तक का घटनाक्रम इस बात का साक्षी है कि कोरोनावायरस अपराजेय है। क्योंकि उसे रोकने के लिए न तो कोई वैक्सीन बन सकी, न ही उसका इलाज करने के लिए कोई औषधि। जबकि modern medicine के जितने भी nobel prize विजेता है वे लगभग उन्हीं देशों से आते हैं जो चीन के प्रतिस्पर्धी देश होने के कारण कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित है।

तो आइए विचार करें कि इसका राज क्या है-

(1) कोरोना वायरस का कैरियर यानी
बीमारी फैलाने वाला वाहक अन्य viral diseases की तरह मच्छर, पिस्सू और मक्खी न होकर हम मनुष्य हैं। मच्छर, पिस्सू और मक्खी जैसी कैरियर प्रजातियों को समूल रूप से नष्ट किया जा सकता है। लेकिन कोरोना के उस कैरियर का क्या होगा जो खुद हम मनुष्य हैं। यानी कि हममें और आप में से एक।

(2) कोरोनावायरस का आविष्कार एवं जीवन चक्र स्वयं में एक अबूझ पहेली है। क्योंकि जब यह वायरस मनुष्य को संक्रमित कर उसके शरीर में प्रवेश करता है तो प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने के लिए वह अपना जीनोम और स्ट्रीम भी बदल लेता है। उसकी आक्रामता में भी परिवर्तन हो जाता है। तो फिर आप ही बताएं कि उसका रोग निरोधक टीका और औषधि बनाना स्वयं में कितनी बड़ी चुनौती है?

कोरोना के संक्रमित मरीज को स्वयं ये पता नहीं कि वो कोरोना द्वारा संक्रमित हो चुका है। वो आरंभ में उसे एक मौसमी बुखार या influenza जैसा साधारण रोग समझता है और नहीं जानता कि इस दौरान जब वो छींकेगा, खांसेगा और सांस लेगा तो उसके जो respiratory system के secretions है वो contaminated droplet जैसे वाहक के रूप में 1 मीटर की परिधि में आने वाले हर उस आदमी को प्रभावित कर देगें जो जीवन की सामान प्रक्रिया के तहत नाक और मुंह से सांस लेता है।

हम अच्छी तरह जानते है कि जब तक किसी कोरोना निरोधक टीके या कोरोना निवारक औषधि का आविष्कार न हो जाए तो भारत सरकार द्वारा बताई हुई guidelines के अनुसार हमें अपनी life style में परिवर्तन करना होगा और जीवित रहने के लिए इन्हीं मानकों के अनुसार संघर्ष करना होगा। और आरोग्य सेतु app अपने mobile में download कर उसमें बताए हुए दिशानिर्देशों का पालन करें।आने वाला समय मुश्किल भरा हो सकता है लेकिन कहते हैं कि कलियुग में शक्ति संगठन में होती है।और आप के पास तो भाई नरेन्द्र मोदी की तरह दूरदर्शी,कुशल, सक्षम नेतृत्व है। इसलिए उन्हें ही अपना मार्गदर्शक मानते हुए संगठित हो इस आपदा का सामना करें।
वंदे मातरम।

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