बीजिंग (एजेंसी)। कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच के लिए चीन तैयार हो गया है। चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम को अपने यहां आने और जांच को मंजूरी दे दी है। कुछ दिनों बाद चीन ने टीम को आने से मना कर दिया था। एक वरिष्ठ चीनी अधिकारी ने शनिवार को कहा कि इसके लिए संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष स्वास्थ्य एजेंसी के साथ आम सहमति बन गई है। हालांकि, चीन ने इस टीम की यात्रा के लिए कोई समयसीमा नहीं बताई है। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के उप प्रमुख जेंग यिक्सिन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि डब्ल्यूएचओ की टीम के वुहान आने का समय तय नहीं किया गया है और इस पर अभी चर्चा जारी है।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने जेंग के हवाले बताया कि चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन अधिकारियों के बीच चार बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद जांच की व्यवस्था पर सहमति बनी। सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया कि जेंग यिक्सिन के हवाले से बताया कि डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञ जब अपनी प्रक्रियाओं को पूरा कर अपना शेड्यूल तय कर लेंगे तो चीनी विशेषज्ञ वुहान में उनके साथ जांच करने के लिए जाएंगे।
चीन पूरी तरह मदद करेगा
जेंग ने जोर देकर कहा कि डब्ल्यूएचओ की जांच के प्रति चीन की स्थिति सकारात्मक है और वो इसके लिए पूरी तरह मदद करेगा है। उन्होंने कहा कि देश को उम्मीद है कि इस तरह के संयुक्त प्रयासों से वायरस को और ज्यादा समझे में मदद मिलेगी और भविष्य में संक्रामक रोगों को बेहतर ढंग से रोका जा सकेगा।
टेड्रोस एडनोम ने नाराजगी जताई थी
इससे पहले चीन की तरफ से टीम को रोके जाने पर डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनोम ने नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि उन्होंने टीम को अनुमति देने के लिए चीन को फोन किया था। टेड्रोस ने कहा कि मैं इस खबर से बहुत निराश हूं। उन्होंने आगे कहा कि मैं वरिष्ठ चीनी अधिकारियों के संपर्क में हूं और मैंने एक बार फिर साफ कर दिया है कि ये मिशन डब्ल्यूएचओ और अंतर्राष्ट्रीय टीम के लिए प्राथमिकता है।
टेड्रोस को गलतफहमी हो सकती है
उधर टेड्रोस के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा था कि इसे लेकर उन्हें कुछ गलतफहमी हो सकती है। हम डॉ टेड्रोस और डब्ल्यूएचओ को समझ सकते हैं, उन्होंने दोनों पक्षों को चर्चा कर तारीखों को अंतिम रूप देने के लिए कहा था