अमेरिका में एक दिन में 2500 की मौत
चार साल होने में बस थोड़ी ही देर है, लेकिन आज भी ट्रम्प(trump ) पर ये आरोप नहीं हटा है कि चुनाव जीतने के लिए उन्होने रूस की मदद ली थी।
अब चुनावी साल में जब वो कोरोना को टैकल (tackle ) करने में लापरवाही बरतने के आरोपों की झड़ी का सामना कर रहे हैं। रोज की थुक्का फजीहत के बीच ट्रम्प ने चुनावी शिगूफा ये कहकर छोड़ दिया कि चीन ( china) उन्हें दोबारा प्रेसिडेंट बनने से रोकने के लिए कुछ भी कर सकता है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को एक इंटरव्यू ( interveiw) में दावा किया कि चीन नहीं चाहता कि वे नंबवर में फिर से देश के राष्ट्रपति चुने जाएं। वह मुझे रोकने के लए किसी भी हद तक जा सकता है।
चीन कोरोना से जिस तरह निपट रहा है, यह इस बात का सबूत है। उन्हें इस संकट के बारे में दुनिया को जल्द बताना चाहिए। ट्रम्प हमेशा महामारी के लिए चीन पर आरोप लगाते रहते हैं। वहीं टैरिफ ( tariff) लगाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बहुत सारी चीजें हैं, जिन्हें मैं कर सकता हूं। हम देख रहे हैं कि क्या होता है।
रिपब्लिकन राष्ट्रपति ने कहा कि उनका मानना है कि चीन चाहता है कि डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बिडेन नवंबर (november )के चुनाव में जीत हासिल करें। हालांकि मुझे आंकड़ों पर संदेह है कि बिडेन जीतेंगे।
किसी आतंकी हमले से बढ़कर है कोरोना: डब्ल्यूएचओ
डब्ल्यूएचओ (who )ने कोरोना को किसी आतंकी हमले से भी ज्यादा खतरनाक बताया है। संगठन ने कहा कि यह दुनिया में उथल-पुथल मचा सकता है, इसलिए सभी देशों को एकजुट होकर इसका मुकाबला करना चाहिए। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस गेब्रियेसस ने बुधवार को कहा, “इस वायरस को हराने के लिए इतिहास के किसी भी क्षण से ज्यादा इस समय मानव जाति को एक साथ खड़े होने की जरुरत है। मैं पहले भी कह चुका हूं कि यह वायरस कहर बरपा सकता है। यह राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक उथल-पुथल मचाने में सक्षम है।”
रेमडेसिविर ड्रग के ट्रायल का पॉजिटिव रिजल्ट
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (nih) की शुरुआती जांच में रेमडेसिविर ड्रग के ट्रायल का पॉजिटिव रिजल्ट ( positive result)आया है। इससे प्लासीबो दवाई दिए जाने वाल मरीजों की तुलना में 31% ज्यादा मरीज ठीक हुए हैं। इसका ट्रायल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज (nidia) ने किया है। यह संस्था एनआईएच के अंतगर्त ही आता है। रिसर्चर्स का कहना है कि जितने लोगों को रेमडेसिविर दी गई उनमें 8% लोग नहीं बचाए जा सके। वहीं जिन्हें प्लेसीबो दी गई, उनमें 11% मरीज नहीं बचे। डॉक्टर्स का कहना है कि अभी रेमडेसिविर संक्रमण के इलाज में कितना कारगर है, इसकी अभी और पुष्टि की जानी है।
अमेरिका में 2500 से ज्यादा मौतों से हड़कंप
अमेरिका में 24 घंटे में 2502 लोगों की मौत हुई है। देश में अब तक 61 हजार 656 जान जा चुकी है।अमेरिका में सबसे ज्यादा 10 लाख 64 हजार 194 संक्रमित हैं, जिसमें एक लाख 47 हजार 411 ठीक हो चुके हैं। यहां न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी राज्य बुरी तरह प्रभावित है। अकेले न्यूयॉर्क में तीन लाख मामलों की पुष्टि हो चुकी है जबकि 22 हजार से ज्यादा मौत हुई है। न्यूजर्सी ( newjersy)में अब तक कोरोना संक्रमण के एक लाख से अधिक मामले सामने आए हैं जबकि छह हजार से अधिक लोगों ने जान गंवाई है। सीएसएसई के मुताबिक मैसाचुसेट्स, इलिनॉयस, कैलिफोर्निया और पेंसिल्वेनिया ऐसे राज्य हैं जहां अब तक 40 हजार से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं।
इटली में 27,682 की मौत
इटली में 27 हजार 682 लोगों की मौत हो गई है। संक्रमण का आंकड़ा दो लाख से ज्यादा हो गया है। अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा मौतें यही हुई हैं। इटली के नागरिक सुरक्षा विभाग के प्रमुख एंजेलो बोरेली ने बुधवार को बताया कि 24 घंटों के दौरान 323 लोगों की मौत हुई है। मंगलवार की तुलना में बुधवार को मृतकों की संख्या में कमी आई है। देश में 10 मार्च से लागू लॉकडाउन तीन मई तक बढ़ा दिया गया है। इस बीच कुछ जरूरी चीजों की दुकानों को खोलने की छूट दी गई है। इटली में 21 फरवरी को पहला मामला सामने आया था। लोम्बार्डी प्रांत महामारी से गंभीर रूप से प्रभावित है। इटली चार मई से लॉकडाउन में ढील देने की योजना बना रहा है।