मासूम बच्चों के यौन शोषण और फोटो-वीडियो के ऑनलाइन व्यापार के आरोपित सस्पेंड जेई रामभवन से सीबीआई जेल में जाकर भी पूछताछ कर सकेगी। इसकी अनुमति सोमवार को अदालत ने दे दी। इसके अलावा सीबीआई ने आरोपित के साइकोलॉजिकल टेस्ट और वाइस सैंपल टेस्ट की अनुमति मांगी है, जिस पर सुनवाई 17 दिसंबर को होगी।  

सीबीआई की ओर से सहायक शासकीय अधिवक्ता मनोज कुमार दीक्षित ने बताया कि एडीजे पंचम मो. रिजवान अहमद की अदालत में अभियुक्त रामभवन की न्यायिक हिरासत बढ़ाने, कारागार में जाकर विवेचना करने के साथ दिल्ली स्थित ऑल इंडिया फॉर मेडिकल साइंस (एम्स) में साइकोलॉजिकल टेस्ट और सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (सीएफएसएल) में वाइस सैंपल टेस्ट के लिए अर्जी डाली गई थी। न्यायिक हिरासत बढ़ाने और मंडल कारागार में विवेचना की अर्जी अदालत ने स्वीकृत कर लीं। शेष दो अर्जियों पर सुनवाई के लिए 17 दिसंबर की तारीख तय की है। न्यायाधीश की मौजूदगी में अभियुक्त रामभवन से 10 मिनट वीडियो कांफ्रेंसिंग से बातचीत गई। इसमें अभियुक्त के अधिवक्ता और सीबीआई के डिप्टी एसपी अमित कुमार भी मौजूद रहे।

सुनवाई के दिन डालेंगे आपत्ति
अभियुक्त पक्ष के अधिवक्ता अनुराग पटेल ने बताया कि सीबीआई की ओर से डाली गई अर्जी की कॉपी मिल गई है। 17 दिसंबर को सुनवाई के दौरान अपना पक्ष रखते हुए साइकोलॉजिकल टेस्ट और वाइस सैंपल की अर्जी पर कोर्ट में आपत्ति दाखिल करेंगे।

छोटे बच्चों से जुड़ा मामला
सीबीआई की ओर से दाखिल अर्जी में तर्क दिया गय़ा है कि मासूम बच्चों के यौन शोषण से जुड़ा मामला है। ऐसे में फेयर इंवेस्टीगेशन के लिए उसका मेडिकल और फॉरेंसिक एग्जामिनेशन जरूरी है। यह भी तर्क है कि साक्ष्य के तौर पर जुटाए वीडियो में जेई की ही आवाज है, इसकी पुष्टि कराने के लिए सीएफएसएल में वाइस सैंपल लेकर जांच कराई जानी जरूरी है। सभी टेस्ट दिल्ली में ही होंगे।  

टेस्ट से स्थिति होगी साफ
सहायक शासकीय अधिवक्ता के मुताबिक, आरोपित इतना घिनौना कृत्य सिर्फ पैसे के लिए करता था या फिर वजह कोई और थी। इस कृत्य के पीछे सोच क्या रही है। इन सब सवालों का जवाब साइकोलॉजिकल टेस्ट से ही मिल सकेगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here