मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नए कोरोना वायरस  के मद्देनजर अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि कोविड-19 की संक्रमण दर में काफी कमी आई है, लेकिन संक्रमण अभी समाप्त नहीं हुआ है। इसलिए कोविड-19 से बचाव व उपचार की प्रभावी व्यवस्था बनाए रखी जाए।

मुख्यमंत्री योगी ने अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा के दौरान कहा कि यूके आदि ऐसे देश जहां नया कोरोना वायरस  मिला है, वहां से आने वालों को न्यूनतम सात दिन क्वारंटीन किया जाए। संक्रमण के संबंध में इन व्यक्तियों की जांच भी की जाए। प्रदेश में वायरोलॉजी सेंटर की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि इसे नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे की तर्ज पर विकसित किया जाए। कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने में जांच की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसको ध्यान में रखते हुए पूरी क्षमता से जांच किया जाए। केजीएमयू, लखनऊ देश का एक मात्र संस्थान है जिसने 10 लाख आरटीपीसीआर टेस्ट किए हैं, जो एक बड़ी उपलब्धि है।

उन्होंने कोरोना वैक्सिनेशन के संबंध में सभी तैयारियां समय से पूरा करने के निर्देश दिए। वैक्सिनेशन कार्य के लिए प्रभावी कोल्ड चेन, सुरक्षित स्टोरेज और सुगम ट्रांसपोर्टेशन के समस्त प्रबंध केंद्र सरकार की गाइडलाइन्स के अनुरूप किए जाएं। उन्होंने कोरोना वैक्सिनेशन के लिए की जा रही कार्यवाही की नियमित मॉनीटरिंग करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में अवगत कराया गया कि कोरोना वैक्सिनेशन के प्रथम चरण के दौरान प्रदेश में 1,500 वैक्सिनेशन सेंटर्स के 3,000 बूथ पर टीकाकरण कार्य किया जाएगा। इसके लिए 1,300 कोल्ड चेन स्थापित हो चुकी हैं।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी अस्पतालों, नर्सिंग होम एवं अन्य चिकित्सा संस्थानों में फायर सेफ्टी के सभी प्रबन्ध निर्धारित मानकों के अनुरूप सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि समस्त सरकारी एवं निजी अस्पतालों में फायर सेफ्टी के सम्बन्ध में की गयी व्यवस्था का सत्यापन किया जाए। उन्होंने कहा कि रविवार से पुनः शुरू हो रहे मुख्यमंत्री आरोग्य मेले के आयोजन की सभी तैयारियां कर ली जाएं।

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