एक दिन में अपने दो दिन कम करने और समय पूर्व मौत बुलाने वाले साइकिल रिक्शा चालकों के दिन बहुरने वाले हैं।
केंद्र सरकार की स्तुत्य योजना के अन्तर्गत एक करोड़ से अधिक साइकिल रिक्शा चालकों को ई-रिक्शा दिये जाएंगे। इसके लिए सस्ते ब्याज पर गरीबों को कर्ज मुहैया कराया जाएगा। इसके अलावा ई-रिक्शा का मालिकाना हक देने के लिए सरकार नियमों में बदलाव करने जा रही है। सरकार के इस फैसले से मेट्रो, बस अड्डे, रेलवे स्टेशन आदि के लिए लोगों को सस्ती यात्रा मिल सकेगी। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने साढ़े तीन साल पहले साइकिल रिक्शा चालकों के लिए ई-रिक्शा योजना पर शुरू की थी।

मंत्रालय को मिले फीडबैक के अनुसार जम्मू-कश्मीर, त्रिपुरा, महाराष्ट्र (नागपुर को छोड़कर), ओडिशा, आंध्र प्रदेश, चंडीगढ़, कर्नाटक, तमिलनाडु, गोवा में पिछले वर्षों में ई-रिक्शा का पंजीकरण नगण्य रहा है। दिल्ली में 1,50,000, बंगाल में सवा लाख व असम में लाखों की संख्या में अवैध ई-रिक्शा सड़कों पर दौड़ रहे हैं। सरकार ई-रिक्शा योजना पर माफिया के कब्जे को हटाने के लिए गरीबों को 4%सस्ते ब्याज पर से कर्ज मुहैया कराने जा रही है।

केंद्र सरकार जल्द नियम बनाएगी

सरकार कर्ज संबंधी नियम जल्द बनाएगी जिससे गरीबों को एक से डेढ़ लाख कीमत का ई-रिक्शा मुहैया कराया जा सके। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि देशभर में एक करोड़ गरीबों को ई-रिक्शा दिलाने के लिए कर्ज दिया जाएगा। सरकार की कोशिश है कि जो ई-रिक्शा चलाएगा, वही उसका मालिक होगा, यानी जिसके नाम लाइसेंस होगा, ई-रिक्शा चलाने का हक उसे ही होगा। इसके लिए भी नए नियम बनाए जाएंगे।

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