मुंबई। राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार ‘‘तानाशाही’’ नीतियों का इस्तेमाल कर रही है और इसका जवाब महात्मा गांधी के बताए गए अहिंसक तरीकों से देने की जरूरत है। पवार ने शहर में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा की ‘गांधी शांति यात्रा’ को हरी झंडी दिखाने के बाद यह बात कही।

इस मौके पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के नेता पृथ्वीराज चव्हाण तथा राज्य के मंत्री नवाब मलिक भी मौजूद थे। यात्रा यहां गेटवे ऑफ इंडिया से रवाना हुई। पवार के हवाले से एक बयान में कहा गया, ‘‘सरकार तानाशाही नीतियों का इस्तेमाल कर रही है। जेएनयू में जो कुछ भी हुआ, उसका पूरे देश में विरोध हुआ। सरकार की तानाशाही का जवाब गांधी जी के अहिंसक तरीके से देने की जरूरत है।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने ऐसे हालात पैदा कर दिए हैं जहां लोगों को लग रहा है कि अगर उनके पास आवश्यक कागजात नहीं होंगे तो उन्हें सरकार द्वारा बनाए गए शिविरों में रहना होगा। सिन्हा के नेतृत्व में ‘राष्ट्र मंच’ ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को वापस लेने की मांग करते हुए यात्रा निकाली। साथ ही मांग की कि सरकार संसद में यह घोषणा करे कि पूरे देश में एनआरसी लागू नहीं होगा।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि जेएनयू में हुई हिंसा जैसी ‘राज्य प्रायोजित’ घटना की उच्चतम न्यायालय के किसी वर्तमान न्यायाधीश के नेतृत्व में न्यायिक जांच कराई जाएगी। यात्रा का समापन 30 जनवरी को दिल्ली में राजघाट पर होगा। आयोजकों ने बताया कि यात्रा महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली से होते हुए गुजरेगी तथा 3,000 किलोमीटर की दूरी तय करेगी।

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