बंगाल में छात्रा की शिकायत पर कार्रवाई
कभी-कभी आवेश में आकर बिना सोचे समझे कुछ भी बोल जाना नेताओं को भारी पड़ जाता है, फिर भी नेता हैं कि मानते नहीं। ऐसे ही एक मामले में पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के खिलाफ कोलकाता पुलिस ने यौन शोषण का मामला दर्ज किया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के खिलाफ यह मामला उनके एक विवादित बयान को लेकर दर्ज किया गया है। बता दें कि दिलीप घोष दक्षिणी कोलकाता में संशोधित नागरिकता कानून के समर्थन में रैली निकाल रहे थे। इसी दौरान संस्कृत यूनिवर्सिटी की एक छात्रा ‘नो एनआरसी, नो सीएए’ लिखा पोस्टर लेकर इस रैली में आ गई थी।
इसके बाद इस छात्रा के साथ भाजपा समर्थकों ने कथित तौर पर बदसलूकी की। इस घटना को लेकर दिलीप घोष ने कहा था कि “उसे (पीड़िता) अपने सितारों को धन्यवाद देना चाहिए कि सिर्फ पोस्टर फाड़ा गया और उसके साथ कुछ नहीं हुआ।”
पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर से भाजपा सांसद दिलीप घोष ने यूनिवर्सिटी छात्रा के साथ हुई बदसलूकी को सही भी ठहराया है। उन्होंने कहा कि “हमारे लोगों ने सही किया…वह क्यों हमेशा हमारी रैलियों में आकर विरोध प्रदर्शन करते हैं? हम बहुत सह चुके हैं।”
इस पर छात्रा ने शुक्रवार को पटौली पुलिस स्टेशन में एक शिकायत दर्ज करायी है। इस शिकायत में पीड़िता ने कहा है कि “भाजपा कार्यकर्ताओं ने उसके साथ बदसलूकी की और उसके साथ गाली-गलौज की। इसके बाद मैंने दिलीप घोष के बयान के बारे में सुना…उन्होंने यौन उत्पीड़न संबंधी बयान दिया है और उनका इरादा भी जानलेवा था। घोष का बयान दिखाता है कि देश में कोई भी महिला सुरक्षित नहीं है।”
दिलीप घोष के बयान पर विपक्षी पार्टियों ने भी निशाना साधा है। घोष के बयान पर टिप्पणी करते हुए सीपीएम नेता शामिक लाहिरी ने कहा कि “घोष का बयान उनकी और उनकी पार्टी की दुखद और विकृत मानसिकता को दिखाता है।”
वहीं कांग्रेस नेता मनोज चक्रवर्ती ने कहा कि घोष को अपने बयान के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। दिलीप घोष अपने बयानों को लेकर इससे पहले भी कई बार चर्चा में आ चुके हैं।
हाल ही में दिलीप घोष ने कहा था कि ‘यदि आप जेल नहीं जाते हैं, आपको पुलिस नहीं ले जाती है तो नेता नहीं बन सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि यदि वे आपको कोई मौका नहीं देते हैं तो आपको जेल जाने के लिए खुद कुछ करना चाहिए, तभी लोग आपकी इज्जत करेंगे। सॉफ्ट लोगों के लिए राजनीति में कोई जगह नहीं है।’